राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस: घर-घर तक संदेश पहुंचाने वाले डाककर्मियों के प्रति आभार जताने का दिन, सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं

डाकघर का महत्व आज के डिजिटल युग में भी कम नहीं हुआ है। भले ही स्मार्टफोन और इंटरनेट ने संचार के तरीकों को बदल दिया हो, लेकिन डाक सेवाएं अभी भी उन क्षेत्रों में जीवन रेखा बनी हुई हैं जहां डिजिटल पहुंच सीमित है। राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस हमें उन गुमनाम नायकों को धन्यवाद कहने का अवसर देता है जो हर परिस्थिति में हमारे संदेशों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं। 

डाकिया..एक ऐसा संदेश वाहक जो सिर्फ चिट्ठी नहीं बल्कि प्यार, उम्मीद और सपनों को लिफाफों में सजाकर हमारे दरवाजे तक लाता है। आज राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस है और ये दिन उन अनगिनत डाक कर्मचारियों को समर्पित है जो सर्दी, गर्मी, बारिश या किसी भी परिस्थिति में हमारे पत्र, पार्सल और संदेशों को समय पर पहुंचाने के लिए अथक मेहनत करते हैं।

आज के दिन सीएम मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘डाक सेवा सुविधा या व्यवस्था ही नहीं, बल्कि समाज का ऐसा अभिन्न हिस्सा है, जो हम सभी को परस्पर जोड़ता है। विपरित परिस्थितियों, प्रतिकूल मौसम और अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए भी डाक कर्मचारी हमारे पत्र, पार्सल, आवश्यक दस्तावेज आदि पहुंचाते हैं। ऐसे डाक कर्मचारियों को उनके समर्पण के लिए नमन करता हूं। राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस

राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन डाक कर्मचारियों की मेहनत, समर्पण और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देने के लिए समर्पित है। चाहे गांवों की तंग गलियां हों या शहरों का भीड़भाड़ वाला इलाका..डाक कर्मचारी हर जगह हमारे पत्र और पार्सल को सही समय पर सही पते तक पहुंचाते हैं। यह दिन हमें उनके इस योगदान को याद दिलाता है और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है।

भारतीय डाक सेवा (India Post) दुनिया की सबसे बड़ी डाक सेवाओं में से एक है। इसमें करीब 5.2 लाख कर्मचारी काम करते हैं और पूरे देश में 1.55 लाख से ज्यादा डाकघर हैं। भारतीय डाकघर पत्र-पार्सल भेजने के साथ-साथ बैंकिंग, बीमा और आधार जैसी सुविधाएं भी देते हैं।

डाक कर्मचारियों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का दिन

राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस का मुख्य उद्देश्य डाक कर्मचारियों के योगदान को पहचानना और उनके प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि डाक सेवाएं सिर्फ पत्र और पार्सल पहुंचाने तक सीमित नहीं हैं। डाकघर आज बैंकिंग, बीमा, और डिजिटल सेवाओं जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। इस दिन का उद्देश्य डाक कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना और उनकी चुनौतियों को समझना भी है। चाहे वह लद्दाख की बर्फीली वादियां हों या राजस्थान की तपती रेगिस्तानी सड़कें..डाक कर्मचारी हर परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। यह दिन हमें उनके इस जज्बे को सलाम करने का मौका देता है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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