नीमच : फौजी के स्वागत में ग्रामीणों ने कालीन के जगह बिछा दी अपनी हथेलियां, देखें वीडियो

नीमच, डेस्क रिपोर्ट। देश के लिए अपने जीवन की परवाह नहीं करने वाले फौजी (Soldiers) की इज्जत हर नागरिक के दिल में होती है। सैनिक (Soldiers) की वजह से ही आम नागरिक (Common Man) अपने घरों में चैन से सो पाता है। एक सैनिक ही होता है जो बटुए में तो अपना परिवार लेकर घूमता है लेकिन उसका दिल देश के नाम से धड़कता है। सैनिक के लिए देश प्रेम (Love For Nation) अपने परिवार के लिए प्रेम से कई ज्यादा ऊपर होता है।

हथेलियां बिछा कर किया फौजी का स्वागत


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।