नीमच। श्याम जाटव।
नेताओं से देश के हित में इन दिनों बड़े-बड़े भाषण सुनने को मिल रहे हैं। वे जो भाषण देते हैं कितनों को समझ आते हैं और कितनों को नहीं इससे उनका कोई लेना देना नहीं है। भाषण पिलाने में मशगूल नेताओं को यह भी ध्यान नहीं रहता है कि उनका ध्यान केवल जनता की ओर है लेकिन जनता का ध्यान उनके पीछे बैठे नेताओं की तरफ भी रहता है। रोचक वाकया भाजपा के सांसद प्रत्याशी सुधीर गुप्ता के चुनाव प्रचार अभियान से जुड़ा हुआ है।
अपने धुंआधार प्रचार अभियान के तहत सांसद सुधीर गुप्ता जावद विधानसभा क्षेत्र के गांव दड़ौली में एक कार्यकर्ता के निज आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा कर रहे थे। उनके लंबे चैड़े भाषण सभी को सुनाई दे इसके लिए उन्होने माइक पकड़ लिया। दुनिया जानती है कि उनके भाषण स्थानीय स्तर के स्थानीय समस्याओं पर आधारित कम ही होते हैं। लोग उनसे यह न पूछ लें कि नीमच जिले ने आपका क्या बिगाड़ा था, इससे बचने के लिए वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर भाषण शुरु कर देते हैं। दड़ौली में भी ऐसा ही हुआ। वे छोटी मोटी बातों पर उंची नीची ठोकने के बाद चल पड़े रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर। रोहिंग्या के कारण देश को होने वाले नफा नुकसान पर लंबी चैड़ी बात शुरु की। रोहिंग्या के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की रीति नीति पर भी खूब भाषण दिया। अब सांसद को क्या पता कि ग्रामीणों के लिए यह मुद्दा ज्यादा काम का नहीं था, लोग ऊबने लगे तो नेता भी कहां पीछे रहने वाले थे। इस भाषण के बीच जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा झपकी लेने से नहीं चूके। भाषण के बीच उन्होंने नींद खेंच ली। कार्यकर्ताओं की निगाह उन पर भी पड़ी तो चर्चाएं शुरु हो गई। आसपास बैठे नेताओं पर भी उबासियों का असर पड़ने लगा।
अब बड़ा सवाल यह है कि नेता भले ही खुद को देश का कितना ही बड़ा विचारक चिंतक साबित कर लें लेकिन नेताओं की नजरों में देशहित के भाषण बहुत ज्यादा मायने नहीं रखते। सांसद के दौरे से तो यही स्पष्ट हो रहा है। इस चुनाव प्रचार अभियान कार्यक्रम में सांसद और विधायक के अलावा भाजपा के जिला महामंत्री वीरेंद्र पाटीदार, श्याम काबरा, सांसद प्रतिनिधि विनोद पाटीदार सहित जिले के और ग्रामीण पदाधिकारी भी उपस्थित थे।