मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश है कि शासकीय कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी लेकिन कई अफसर ऐसे है जिनकी नजर में ना तो मुख्य्मंत्री के आदेश की कोई अहमियत है और न ही शासन के नियमों की, वे जहाँ पदस्थ होते हैं वहां उनकी सरकार चलती है, ऐसे ही एक सीएमओ को शासन ने निलंबित कर दिया है
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग संचालनालय ने निर्माण कार्यों में नियमों की अनदेखी, टेंडर प्रक्रिया के उल्लंघन और वित्तीय गड़बड़ियां सामने आने के बाद नीमच नगर पालिका परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) महेंद्र कुमार वशिष्ठ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
दरअसल सीएमओ वशिष्ठ के विरुद्ध शासन के पास शिकायत पहुंची थी कि उनकी कार्यशैली बहुत ही निम्न स्तर की है और शहर के हित में नहीं है, शहर के लोग उनसे जुड़ी शिकायतें लगातार करते हैं मीडिया में भी उनकी कारगुजारियां छपती हैं, शिकायतों में कहा गया कि वे किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के आदेश की नहीं मानते, शिकायतों के बाद विभाग ने जांच की जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं निकल कर सामने आई।
बिना टेंडर निकाले स्वीकृत कर दिए 55 लाख रुपये से अधिक के काम
विभागीय जांच में सामने आया कि वशिष्ठ द्वारा बिना प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति के 10 लाख से अधिक के निर्माण कार्य कराए जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही 55 लाख रुपये से अधिक की राशि के कार्य बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के स्वीकृत किए गए। यह गंभीर वित्तीय लापरवाही की श्रेणी में आता है।
शहर की समस्याओं पर ध्यान नहीं देने के आरोप
जांच में सामने आया कि वशिष्ठ काम के प्रति लापरवाह रहते हैं, शासकीय उत्तरदायित्व लेने से बचते हैं, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के प्रति भी गंभीर नहीं रहते, शहर की समस्या के निराकरण के लिए कोई ठोस पहल नहीं करते, जनप्रतिनिधियों और नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा भी लगातार उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जाते रहे हैं।
शासन ने लापरवाह सीएमओ को निलंबित किया
इन सब अनियमितताओं को गंभीर लापरवाही मानते हुए अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग कैलाश वानखेड़े ने आदेश जारी कर नीमच नगर पालिका के सीएमओ महेंद्र कुमार वशिष्ठ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल निर्धारित किया गया है।विभाग ने उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू कर दी है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट





