पहली ही बारिश में खुल गई भ्रष्टाचार की पोल, 28 करोड़ से ज्यादा में तैयार सड़क में आई दरारें, जमीन में भी धंसी

रोड के बीच में कई स्थानों पर बड़े -बड़े गड्डे हो गए हैं, तो कई स्थानो पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई है और रोड जमीन मे धंसने लग गया है जिससे यह घाट खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है। अपनी जान झोखिम में  डालकर सैकड़ो वाहन चालक स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस आदि प्रतिदिन दिन रात आवागमन कर रहे हैं।

Atul Saxena
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Neemuch News

Neemuch News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहते हैं लेकिन सरकारी मुलाजिम घूसखोरी की आदत के चलते उनकी इस मंशा को पलीता पलीता लगा रहे हैं, एक ताजा उदाहरण नीमच से सामने आया है जिसमें 9 महीने पहले बनी 28 करोड़ 40 लाख की सड़क में पहली ही बारिश में दरारें पड़ गई , कई जगह वो जमीन में धंस गई, अब इस मामले में जिम्मेदार अपने अपने तर्क दे रहे हैं।

9 महीने पहले हुआ लोकार्पण, 28 करोड़ 40 लाख की सड़क में आई दरारें 

पहली बारिश की हल्की आहट ने ही एमपीआरडीसी के द्वारा रतनगढ़ में 28 करोड़ 40 लाख की लागत से बनाए घाट सेक्शन के घटिया निर्माण की पोल खोल कर रख दी है।दिनांक 30 सितम्बर 2023 को इस रोड का लोकार्पण किया गया था। मात्र 9 माह में ही इस सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है। ना ठेकेदार, ना इंजीनियर, ना प्रशासनिक अधिकारी और ना ही राजनेता इसकी दुर्दशा पर ध्यान दे रहे हैं। आपको बता दें कि रतनगढ़ सिंगोली घाट सेक्शन निर्माण के दौरान भी ठेकेदार द्वारा रतनगढ के प्राचीन किले को तहस नहस कर क्षति पहुंचाने मे कोई कौर कसर बाकी नही रखी।

सड़क निर्माण कंपनी और अफसरों की गठजोड़ का बड़ा नमूना है सड़क 

सबसे बड़ी बात आधे अधूरे घाट सेक्शन को सभी विभागों द्वारा आंख मूँद कर एनओसी दे दी गई। किसी भी विभागीय अधिकारी द्वारा एनओसी देने के पूर्व घाट का निरीक्षण करना उचित नहीं समझा गया। जबकि आज भी बहुत सारा कार्य अधूरा है। थोड़ी सी बारिश में ही क्षेत्र के लोगों के मन में भय एवं दहशत का वातावरण उत्पन्न हो गया है। लापरवाही का आलम यह है कि पिछले कुछ दिनों में इस संबंध में रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार, एमपीआरडीसी के विभागीय अधिकारीयो सहित अनुविभागीय अधिकारी जावद एवं जिला कलेक्टर महोदय नीमच के संज्ञान में भी उक्त जनहित की गंभीर समस्या को डालने के बाद भी किसी प्रकार का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। रोड कंस्ट्रक्शन कम्पनी के ठेकेदार की लापरवाही व प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते जगह जगह पूरी तरह से जर्जर व जानलेवा हो चुके घाट सेक्शन पर वाहन चालकों व यात्रियों के जीवन से हर पल खिलवाड़ हो रहा है। जान जोखिम में डालकर सैकड़ों वाहन चालक प्रतिदिन आवागमन कर रहे है।

जिम्मेदर आँख बंद किये बैठे, सड़क में बड़ी बड़ी दरारें, जनता की जान जोखिम में  

एमपीआरडीसी के नीमच मे पदस्थ इंजीनियर एवं उज्जैन मे पदस्थ इंजीनियर भी आंखें मूंद कर बैठे हैं, कोई इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा। निश्चित रुप से कागजों में  बने ऊत्कृष्ट घाट सेक्शन निर्माण मे हुए भृष्टाचार मे विभागीय इंजीनियर एवं ठेकेदार के अनोखे गठजोड़ के चलते रोड निर्माण मे घटिया व अमानक स्तर का मटेरियल यूज किया गया था। अगर आज भी रोड की कौर कटिंग कर लैबोरेटरी से सही तरीके से जांच कराई जाए तो सारे भृष्टाचार की पूरी तरह से पोल खुल जाएगी। रोड के बीच में कई स्थानों पर बड़े -बड़े गड्डे हो गए हैं, तो कई स्थानो पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई है और रोड जमीन मे धंसने लग गया है जिससे यह घाट खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है। अपनी जान झोखिम में  डालकर सैकड़ो वाहन चालक स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस आदि प्रतिदिन दिन रात आवागमन कर रहे हैं।

लेंड स्लाईड ने भी बढ़ाई मुश्किलें 

सोमवार एवं मंगलवार को पहले घाट पर ही हुई लेंड स्लाईड से पहाड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा रोड़ पर आकर गिर गया।वह तो गनीमत रही कि कोई राहगीर या वाहन चालक इसकी चपैट में नहीं  आया वरना बड़ा हादसा या जनहानि घटित होने से इंकार नही किया जा सकता। हालांकि पहाड़ी गिरने की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी व थाना प्रभारी बीएस गौरे मौके पर पहुंचे और नगर परिषद के कर्मचारियों से क्षतिग्रस्त हिस्से के सामने बेरिकेड्स लगवाकर घाट सेक्शन रोड को एक तरफ से बंद करवाया।

ये कहना है जिम्मेदारों का 

इस संबंध में रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार अभय सिंह  का कहना है लेंड स्लाईड प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण पहाड़ी गिर गई हैं। कर्मचारी पहुंच गए हैं,शीघ्र दिखवा रहे हैं एवं जहां से रोड में दरार आई हैं या नीचे धंस गया है वहां पर शीघ्र ही हमारे द्वारा नया रोड बनाया जाएगा। एमपीआरडीसी संभागीय इंजीनियर का कहना है कि नीमच से सिंगोली तक बनने वाले 84 करोड़ के रोड़ टेंडर के ओपन होने पर पूर्ण रिपेयरिंग की जाएगी। उधर नायब तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी ने कहा कि मैंने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी देकर अवगत करा दिया है, एवं जहां लैंड स्लाईड हुई है, वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेट्स लगाकर उधर से वाहनो का आवागमन बंद करवा दिया है।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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