नीमच में रिटायर्ड शिक्षक की डायरी ने खोला मौत का राज, मामला दर्ज

रिटायर्ड शिक्षक की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी। वहीं उसकी डायरी से यह खुलासा हुआ कि प्यार का झांसा देकर बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देकर एक गिरोह तीन आरोपियों ने रुपए वसूले थे।

Shashank Baranwal
Published on -
Neemuch

Neemuch News: मध्य प्रदेश के नीमच जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां रिटायर्ड शिक्षक के साथ प्यार का झांसा देकर बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देकर रुपए वसूलने वाली गैंग के खिलाफ कुकड़ेश्वर थाने की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बता दें इस दौरान आरोपियो द्वारा शिक्षक का आपत्तिजनक स्थिति में धोखाधड़ी पूर्वक वीडियो बनाया गया था।

कुकड़ेश्वर थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर जयदीप राठौर ने इस मामले में जानकारी दी कि रिटायर्ड शिक्षक की मृत्यु के बाद परिवार वालों को घर में मृतक की डायरी मिली। जिसमें मृतक द्वारा अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी गई थी। उस डायरी में लिखा था कि मुझे बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देकर हतुनिया गांव की आशाबाई मेघवाल और उसके अन्य साथी छोटू मेघवाल और कल्लू ओझा द्वारा उसका धोखे से वीडियो बनाकर रुपए वसूले। इस दौरान उनसे बार-बार रुपए की मांग के लिए दबाव बनाया गया। इस बीच मृतक रिटायर्ड शिक्षक की मृत्यु हार्ट अटैक से हो गई। वहीं इस मामले में शिकायत की विस्तृत जांच थाना कुकड़ेश्वर द्वारा की गई। जिसमें पाया गया कि रिटायर्ड शिक्षक के साथ घटी घटना में आरोपी आशाबाई, छोटू मेघवाल और कल्लू ओझा द्वारा अवैध रूप से रुपए प्राप्त किए गए। इस मामले में कुकड़ेश्वर थाने की पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 388, 389, 420, 120 बी, 34 के तहत अपराध रजिस्टर्ड करने के साथ आरोपीयों की तलाश शुरु कर दी गई।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News