Mon, Dec 22, 2025

MP में पूर्व तहसीलदार ने सरकारी नियमों की उड़ाई धज्जियां, जमीन रजिस्ट्री में लाखों रुपए के गबन का आरोप

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
नामांतरण निरस्त होने के कारण सिंगोली तहसील क्षेत्र में आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इससे उनमें रोष व्याप्त हो गया है। जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है।
MP में पूर्व तहसीलदार ने सरकारी नियमों की उड़ाई धज्जियां, जमीन रजिस्ट्री में लाखों रुपए के गबन का आरोप

MP Neemuch News : मध्य प्रदेश के नीमच जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जब पूर्व तहसीलदार राजेश सोनी पर रजिस्टर्ड नामांतरण प्रकरणों में अवैध रूप से 1 लाख रुपये प्रति किलोमीटर की मांग करने का आरोप लगा है। तहसीलदार ने 300 से अधिक रजिस्टर्ड नामांतरण को गुलाम भारत के 1936-37 के नियमों के आधार पर निरस्त कर दिया है। इस घटना के बाद से आम जनता में भारी रोष व्याप्त है। जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है।

दरअसल, पूर्व तहसीलदार पर आरोप है कि वह राजस्व न्यायालय को 1959 की भू-राजस्व संहिता के नियमों से नहीं, बल्कि 1936 की मिसल के आधार पर चला रहे थे, जिससे आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

लाखों रुपए का किया गबन

बता दें कि रजिस्टर्ड नामांतरण प्रकरणों में एक किलोमीटर अर्थात एक लाख रुपए वसूलने के लिए आम जनता के 300 से अधिक रजिस्टर्ड नामांतरण 1936-37 की मिसल के आधार पर सरकारी बताकर निरस्त कर दिए थे, जबकि एमपी में भूराजस्व संहिता 1959 से लागू है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, आम जनता ने सरकारी उप पंजीयक कार्यालय में भूमि खरीदने के लिए लाखों रुपये की स्टांप ड्यूटी अदा करने के साथ ही विधिवत रजिस्टर्ड विक्रय पत्र तैयार किए गए थे। इसके बावजूद, नामांतरण प्रक्रिया को बिना गुण-दोष पर विचार किए ही निरस्त कर दिया गया।

Neemuch News

कलेक्टर ने दिया ये निर्देश

वहीं, जिला कलेक्टर के सिंगोली आने पर आम जनता के निरस्त नामांतरण पुनः सुनवाई को लेकर आवेदन दिया। शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिया कि सभी निरस्त नामांतरणों को पुनः सुनवाई में लेकर स्वीकृत किया जाए, जिससे आम जनता को न्याय मिल सके। साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की मांग की गई है।

कमलेश सराडा, नीमच