Neemuch News : एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की नीमच शाखा में 6 करोड़ 50 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। बड़ी बात ये है कि ये गबन बैंक के कर्मचारी द्वारा ही किया गया है, बताया जा रहा है कि आरोपी कर्मचारी बैंक के बाहर लगी डिपॉजिट मशीन से कैश निकालकर बैंक में राशि जमा कराता था। यह प्रक्रिया हर दो से तीन दिन में होती थी। इस दौरान कर्मचारी बैंक में कम डिपॉजिट करवाकर राशि का गबन करता था। धीरे-धीरे यह गबन 6.50 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
परिवार सहित गायब हो गया आरोपी कर्मचारी
जब बैंक में लॉस सामने आने लगा तो अधिकारियों ने ऑडिट कराना शुरू किया। इसकी भनक लगते ही कर्मचारी परिवार सहित गायब हो गया। बैंक मैनेजर ने कैंट थाने पर प्रकरण दर्ज कराया। रविवार को बैंक का अवकाश होने से पुलिस भी विशेष जानकारी नहीं जुटा पाई है। आरोपी जबलपुर का स्थायी निवासी होने पर पुलिस ने एक टीम वहां भेजी है।
नीमच के विजय टॉकीज परिसर स्थित एचडीएफसी बैंक की नीमच ब्रांच में वरिष्ठ अधिकारी जांच करने पहुंचे व कैंट थाने पर प्रकरण दर्ज कराया। बैंक के रतलाम डिविजन मैनेजर नवीन प्रसाद की रिपोर्ट पर कैंट पुलिस ने नीमच शाखा में कार्यरत कर्मचारी रितेश पिता राजेंद्र ठाकुर निवासी जबलपुर को धोखाधड़ी और गबन करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
डिपोजिट मशीन से कैश निकालने की थी जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार आरोपी रितेश पांच साल से बैंक में काम कर रहा है। रितेश बैंक के बाहर लगी डिपॉजिट मशीन से कैश निकालने का काम करता था। उपभोक्ताओं द्वारा जमा राशि दस लाख रुपए हो जाने पर मशीन में जगह नहीं बचती । इस पर कर्मचारी मशीन से राशि निकालकर बैंक में जमा कराता था। यह प्रक्रिया दो से तीन दिन में होती थी। रितेश लंबे समय से मशीन से जो राशि निकालता था उसमें से कुछ राशि का गबन कर शेष राशि जमा कराता था।
मशीन से राशि निकाल कर अपनी कार में रखता था, CCTV से हुआ खुलासा
रितेश गबन की राशि बैंक के बाहर अपनी कार में रख देता था। इसका खुलासा सीसीटीवी फुटेज से हुआ है। बैंक के लॉस में होने पर अधिकारियों की नींद खुली। उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच प्रारंभ की। इस मामले में सीएसपी पीएस परस्ते का कहना है कि बैंक कर्मचारी द्वारा बैंक से साढ़े छः करोड़ का गबन का मामला सामने आया है। आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जारही है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....