साम्प्रदायिक अलगाव के दौर में एक रिश्ता ऐसा भी जिस पर गर्व होगा भारतीयों को

Amit Sengar
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नीमच, कमलेश सारडा। हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई का नारा आज के दौर में कमजोर हो गया, ऐसे में भी यह उदाहरण सुकून देता है जहां एक मुस्लिम भाई अपनी हिन्दू बहन (relationship) से राखी बंधवाने की रस्म को 55 बरस से निरंतर निभा रहा है।

नीमच (neemuch) की श्रीमती अनिता खाबिया और निम्बाहेड़ा के एजाज अहमद के बीच पवित्र स्नेह का यह रिश्ता 55 बरस पुराना है। नीमच में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान एजाज भाई ने अपनी मुहबोली बहन अनिता खाबिया से पहली बार राखी बंधवाई। इसके बाद ऐसा कोई साल खाली न गया जब एजाज भाई की कलाई सुनी रह गई हो। साल दर साल दोनों के बढ़ते परिवारों में जो भी रीत रस्म हुई तो भाई और बहन ने अपनी जिम्मेदारियां भी बखूबी निभाई।

इस रक्षाबन्धन पर अपनी बहन से राखी बंधवाने आये एजाज भाई कहते हैं कि राखी का त्योहार हमारे लिए सबसे खास है। चाहे आंधी आये या तूफान इस दिन हम दोनों भाई बहन एक दूसरे को राखी बांधते ही हैं। वे कहते हैं आज के दौर में जो भी बातें होती हैं वे सब राजनिती की हैं, इंसानियत और भाईचारा बना रहना चाहिए।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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