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Sun, Dec 21, 2025

मात्र दो साल में रेलवे को मिलीं 62 लाख से अधिक शिकायतें, असुरक्षा, गंदगी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार से यात्री परेशान

Written by:Atul Saxena
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शिकायतों के ये आँकड़े रेलवे की सेवाओं पर यात्रियों की गहरी नाराज़गी को उजागर करते हैं। सफाई, सुरक्षा और समयपालन जैसी मूलभूत सुविधाओं पर भारी संख्या में शिकायतें हुई हैं। वहीं, भ्रष्टाचार का लगातार बने रहना रेलवे की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है
मात्र दो साल में रेलवे को मिलीं 62 लाख से अधिक शिकायतें, असुरक्षा, गंदगी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार से यात्री परेशान

देश की अर्थ व्यवस्था में बड़ा और अहम रोल निभाने वाली भारतीय रेल देश के यात्रियों के लिए लाइफ लाइन की तरह है, करोड़ों यात्री इसमें यात्रा कर अपने जीवन का बड़ा हिस्सा बिताते हैं और रेलवे भी अपनेपन का अहसास कराते हुए “भारतीय रेल में आपका स्वागत है” कहकर हर यात्री का स्वागत करती है लेकिन यात्रियों को कितनी परेशानी है शायद उसका आभास उसे नहीं है तभी तो लाखों की संख्या में शिकायतें उसके पास पहुँचती हैं जो कई सवाल खड़े करती हैं।

सूचना का अधिकर कानून के तहत बाहर आई जानकारी से इस बात का खुलासा हुआ है कि भारतीय रेलवे यात्रियों की शिकायतों से घिरा हुआ है। RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के आवेदन पर रेलवे बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले दो वित्तीय वर्षों (2023-24 और 2024-25) में रेलवे को कुल 62 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें सबसे बड़ी संख्या सुरक्षा, सफाई और समयपालन से जुड़ी रही, जबकि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के भी हजारों मामले दर्ज हुए हैं।

ट्रेनों से जुड़ी शिकायतें

  • पिछले दो वर्षों  यात्रियों ने सबसे अधिक शिकायतें ट्रेनों से जुड़ी दर्ज कराईं।
  • वर्ष 2023-24 में कुल 23.40 लाख और 2024-25 में 27.69 लाख शिकायतें दर्ज हुईं।
  • सुरक्षा संबंधी शिकायतें – 4.57 लाख (2023-24), 5.20 लाख (2024-25)
  • सफाई से जुड़ी शिकायतें – 4.24 लाख (2023-24), 4.20 लाख (2024-25)
  • बेडरोल सेवाओं की शिकायतें – 1.77 लाख (2023-24), 1.72 लाख (2024-25)
  • ट्रेन लेट होने की शिकायतें – 3.25 लाख (2023-24), 2.77 लाख (2024-25)

भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए

  • ट्रेनों के अंदर वर्ष 2023-24 में 9,322 और 2024-25 में 7,143 यात्रियों ने रिश्वतखोरी से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराईं।

स्टेशनों पर शिकायतों का अंबार

  • स्टेशनों पर भी बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज हुईं।
  • वर्ष 2023-24 में 5.55 लाख और 2024-25 में 4.39 लाख शिकायतें।
  • इनमें अनारक्षित टिकटिंग, सफाई और लगेज सेवाओं की समस्याएँ प्रमुख रहीं।
  • स्टेशनों पर भ्रष्टाचार/रिश्वतखोरी के मामले 2023-24 में 5,708 और 2024-25 में 5,311 रहे।

शिकायत दर्ज कराने के माध्यम

  • रेलवे की हेल्पलाइन 139 यात्रियों की शिकायत दर्ज कराने का सबसे बड़ा जरिया बनी।
  • वर्ष 2023-24 में 17.37 लाख और 2024-25 में 20.19 लाख शिकायतें इसी नंबर पर दर्ज हुईं।
  • रेलवे के वेब पोर्टल पर 5.61 लाख (2023-24) और 4.92 लाख (2024-25) शिकायतें दर्ज हुईं।
  • मोबाइल ऐप से 3.25 लाख (2023-24) और 4.68 लाख (2024-25) शिकायतें की गईं।
  • सोशल मीडिया के जरिए 2.54 लाख (2023-24) और 2.12 लाख (2024-25) शिकायतें सामने आईं।

कुल शिकायतें 

वर्ष 2023-24 में कुल शिकायतें – 28.96 लाख
वर्ष 2024-25 में कुल शिकायतें – 32.08 लाख
यानी दो साल में कुल मिलाकर 62 लाख से अधिक शिकायतें रेलवे के पास पहुँचीं।

भ्रष्टाचार अब भी गंभीर मुद्दा

रेलवे के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि डिजिटल मॉनिटरिंग और शिकायत निवारण तंत्र होने के बावजूद भ्रष्टाचार की समस्या जड़ से खत्म नहीं हो पाई है। दो वर्षों में ट्रेनों और स्टेशनों पर मिलाकर यात्रियों ने करीब 27 हजार से अधिक शिकायतें रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़ी दर्ज कीं।

नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट