Neemuch News : 16 की उम्र में ड्रग्स स्मगलर बने कमल राणा की कहानी, मौसेरे भाई संग मिलकर एमपी-राजस्थान में बनाया नेटवर्क

Sanjucta Pandit
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Neemuch News : मध्यप्रदेश और राजस्थान में ड्रग्स तस्कर गैंग के लीडर कमल राणा को पुलिस ने 19 जून को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की पुलिस के सहयोग से वो दोनों राज्यों में अपना रैकेट चला रहा था। इस दौरान उसने नीमच जिले के 6 पुलिसकर्मियों का काला चिट्‌ठा खोला है। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे 16 साल का एक लड़का काम की तलाश में निकला और ड्रग्स के धंधे में उतर गया…

19 साल में बना बादशाह

दरअसल, कमल राणा 16 साल की उम्र में ही इस धंधे में उतर गया था। साल 2016 में एमपी की नीमच पुलिस ने उसे दबोचा था। तब उसने खुलासा किया था कि स्मगलिंग से उसने 25 करोड़ रुपए बनाए हैं और 90 एकड़ जमीन खरीदी है। तब उसने बताया था कि पढ़ाई छोड़ने के बाद वह किसी काम की तलाश में था। इसी दौरान वह अफीम और डोडा चूरा के अवैध धंधे में लिप्त रिश्तेदार से जुड़ गया। शुरुआत में उसने इस धंधे की बारीकी सीखी। इसके बाद उसने खुद का काम शुरू कर दिया और अपना नेटवर्क फैलाता गया। जिसमें उसने मौसेरा भाई भरत सिंह को बराबर का सहयोगी बनाए रहा। साल 2004 में ड्रग्स स्मगलिंग की दुनिया में कदम रखने वाला कमल महज 19 साल की उम्र में इस धंधे का बेताज बादशाह बन गया।

राणा इस तरह बना धंधे का बॉस

कमल राणा से पहले अफीम और डोडा चूरा की स्मगलिंग में घनश्याम धाकड़ और गुड़िया बंजारा का नाम सुर्खियों में रहता था। सितंबर 2012 में घनश्याम और 2016 में गुड़िया बंजारा भी गिरफ्तार हो गए। तीनों की गिरफ्तारी के चलते ड्रग्स के धंधे के बॉस की कुर्सी खाली थी। राणा ने मौका भांपा और तेजी से काम बढ़ाया। नतीजा ये हुआ कि वो जल्द ही इस धंधे का बॉस बन गया।

इस तरह बनाया टीम

2016 में जब उसे नीमच पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब वह अभिनेता सलमान खान की ‘जय हो’ फिल्म के बाद हीरोइन डेजी शाह को गिफ्ट में दी गई 30 लाख रुपए कीमत वाली एसयूवी कार का सौदा कर चुका था। 12 साल तक कमल राणा नीमच पुलिस को चकमा देता रहा। उसने पुलिस के समानांतर खुद का गांव-गांव में नेटवर्क खड़ा कर लिया था। गांवों में पुलिस की गतिविधियों पर निगरानी के लिए युवाओं की टीम बना रखी थी। वह उन लड़कों को हर महीने 10 से 15 हजार रुपए देता था। साथ ही, साल 2016 से पहले उसने नीमच जिले के जीरन क्षेत्र के गांवों को डोडा चूरा के अवैध कारोबार का अड्‌डा बना लिया था।

इसी क्षेत्र में आंकली, कोठरी और तालखेड़ा में उसके गोडाउन थे। स्मगलिंग से होने वाली अकूत कमाई के चलते क्षेत्र के युवा उससे तेजी से जुड़ते चले गए। फरवरी 2016 में स्मगलर गुड़िया बंजारा की गिरफ्तारी के बाद अफीम डोडा चूरा की स्मगलिंग में कमल राणा का एक तरफा साम्राज्य स्थापित हो गया।

तीनों स्थानों से मिले 12 लग्जरी वाहन

नीमच पुलिस ने 4 अक्टूबर 2016 को जब कमल राणा को दबोचने उसके तालखेड़ा, आंकली और कोठडी के गोडाउन पर दबिश तो उसकी हाई प्रोफाइल लाइफ स्टाइल देख दंग रह गई थी। तब पुलिस को तीनों स्थानों से 12 लग्जरी वाहन मिले थे। तालखेड़ा गोडाउन में बने बाथरूम में उसने जैगवार की टाइल्स लगवा रखी थी। जमानत पर छूटने के बाद कमल राणा ने फिर से अपना नेटवर्क संभाल लिया। इसके बाद से वह एमपी पुलिस के हाथ नहीं आया।

1 दशक पहले नीमच पर था इनका राज

नीमच में एक दशक पहले कुख्यात स्मगलर बंशी गुर्जर का नाम चलता था। उस पर दर्जनों केस दर्ज हुए तो उसने मरने की फर्जी कहानी बनाई और खुद को पुलिस के कथित एनकाउंटर में मरा बता दिया। साल 2012 में जिंदा पकड़े जाने के बाद स्मगलिंग की दुनिया से बंशी गुर्जर का नाम गायब हो गया। इसके बाद स्मगलिंग के धंधे में दूसरा नाम नीमच जिला निवासी बाबू उका सामने आया। बाबू पोस्ता की आड़ में डोडाचूरा की बड़े पैमाने पर स्मगलिंग करने लगा। जिसके बाद पुलिस ने बाबू सिंधी को भी गिरफ्तार कर लिया।

डोडा चूरा की करता रहा स्मगलिंग

नीमच जिले के जीरन क्षेत्र में कमल राणा का नेटवर्क चल रहा है। वह अफीम से लेकर डोडा चूरा की स्मगलिंग करता रहा। 2016 के बाद राणा ने अपने नेटवर्क में पुलिसवालों को भी शामिल कर लिया। पुलिस उसके खिलाफ जो भी रणनीति तैयार करती, उसकी खबर राणा को मिल जाती थी। यही कारण था कि 2016 के बाद राणा को नीमच पुलिस नहीं दबोच पाई जबकि इस दौरान इस जिले के कई एसपी बदलते गए।

इन लोगों की मदद

बता दें कि कमल की मदद करने वालों में राजस्थान का एक डिप्टी एसपी भी शामिल था। राजस्थान पुलिस ने सभी को निलंबित कर दिया है। कमल ने एमपी में नीमच जिले के जीरन थाने और चिताखेड़ा पुलिस चौकी में पदस्थ 6 पुलिसकर्मियों के नाम भी अपने सहयोगियों के रूप में बताए हैं। इनमें एक एएसआई और पांच सिपाही हैं। सोमवार को ही राजस्थान पुलिस ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट नीमच एसपी अमित तोलानी को भेजी है।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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