नीमच जिला प्रशासन ने शहीद सैनिकों के परिवार के लिए एकत्रित की 1 करोड़ से ज्यादा की सहयोग राशि

Shashank Baranwal
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Neemuch News: सशस्त्र झंडा दिवस के अवसर पर नीमच जिला प्रशासन ने राष्ट्र की अखंडता की रक्षा के लिए युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार तथा अपाहिज हुए सैनिकों के कल्याण के लिए सभी के सहयोग से एक करोड़ से अधिक राशि एकत्रित की है। इतनी राशि अभी तक नीमच जिले में सशस्‍त्र सेना झण्‍डा दिवस पर एकत्रित नहीं हुई है। प्रशासन का टारगेट 50 लाख रु का था, लेकिन जिले की जनता, सामाजिक संगठन के सहयोग से इस बार भी नीमच जिला अव्वल रहा है।

सामाजिक संगठनों और व्यापारिक संगठनों ने दी सहयोग राशि

वहीं कलेक्टर ने कहा कि भारत में सैनिकों के कल्याण के लिए सबसे ज्यादा पैसे एकत्रित करने वाला नीमच जिला बनने वाला है। यह रैली डाक बंगला चौराहे से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्ग से होती हुई गुजरी। रैली में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारी संगठनों अधिकारियों, कर्मचारियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया है और सैनिकों के कल्याण के लिए स्‍वैच्छिक सहयोग राशि प्रदान की है।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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