नारियल की चोट से घायल हुए पंडित प्रदीप मिश्रा, चिकित्सकों ने दी आराम की सलाह, कथा स्थगित

मनासा में शिवपुराण कथा होने वाली थी जिसकी पूरी तैयारियां हो चुकी थीं, भक्तों में बहुत उत्साह था लेकिन अब इस घटना से उन्हें मायूसी हाथ लगी है लेकिन वे पंडित प्रदीप मिश्रा के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना शिव शम्भू से कर रहे हैं, उधर पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि मनासा की कथा स्थगित कर दी गई है ये अगले साल आयोजित की जाएगी जिसका सारा खर्चा कुबेरेश्वर समिति सीहोर द्वारा वहन किया जाएगा।

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Pandit Pradeep Mishra

Pandit Pradeep Mishra injured : शिवपुराण की कथा सुनाकर लोगों में देवाधिदेव महादेव की भक्ति का भाव जगाने वाले प्रसिद्द कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा घायल हो गए हैं, उनके सिर में नारियल से चोट लगी है, जिसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें आराम की सलाह दी है, जिसके चलते उनकी आगे की सभी कथाएं स्थगित कर दी गई है।

मनासा के लोगों को ये बात सुनकर बहुत निराशा हुई है लेकिन वे पंडित प्रदीप मिश्रा के जल्दी स्वस्थ होने की कामना महादेव से कर रहे हैं, आपको बता दें कि लंबे समय से किये जा रहे प्रयासों के बाद नीमच के मनासा में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन होना तय हुआ था लेकिन इसी बीच वे महादेव की होली के दौरान भीड़ में से फेंके गए नारियल से घायल हो गए।

गुलाल के साथ किसी ने फेंका नारियल, पंडित प्रदीप मिश्रा घायल  

पंडित प्रदीप मिश्रा घायल होने की बाद भी नीमच के मनासा पहुंचे उन्होंने भक्तों को व्यास पीठ से बताया कि आष्टा में आयोजित महादेव की होली के दौरान रंगों के बीच किसी ने नारियल भी फेंका दिया जो सिर में जाकर लगा जिससे वे घायल हो गए, उन्हें डॉक्टर्स को दिखाया गया, डॉक्टर्स ने चैक अप के बाद सलाह दी कि अब आपको आराम करना है, जिसके बाद निर्णय लिया गया कि अब एक महीने तक कोई कथा नहीं होगी।

डॉक्टर्स ने आराम करने की दी सलाह, मनासा की कथा स्थगित

कथा को लेकर भक्तों में बहुत उत्साह था लेकिन अब इस घटना से उन्हें मायूसी हाथ लगी है लेकिन वे पंडित प्रदीप मिश्रा के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना शिव शम्भू से कर रहे हैं, उधर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मनासा की कथा स्थगित करने से हमें भी कष्ट हुआ है हम ये वचन देकर जाते हैं कि अगले साल हम ये कथा करेंगे और इसका पूरा खर्चा भी उठायेंगे।

नारियल की चोट से घायल हुए पंडित प्रदीप मिश्रा, चिकित्सकों ने दी आराम की सलाह, कथा स्थगित

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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