Neemuch News : पुलिस गिरफ्त में आया फर्जी रजिस्ट्री कर रुपये ऐंठने वाला गिरोह का मास्टरमाइंड

Amit Sengar
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Neemuch News : नीमच सिटी पुलिस को बडी सफलता हाथ लगी है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री और अनुबंध कर करोडों रूपए ऐंठने वाले जालसाज बंशी बंजारा निवासी सावनकुंड को नीमच सिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुख्यात बंशी बंजारा करीब 6 महीने से फरार था। आरोपी से पूछताछ जारी है। पुलिस ने फिल्मी स्टाईल से घेराबंदी कर उसे पकडा है। आरोपी जमतारा फिल्म की तर्ज पर पेडों पर झोपडी बनाकर रह रहा था और जंगल में मोबाइल नेटवर्क की समस्या होती थी तो वह उंचे पेड पर चढकर मोबाइल से गिरोह के सदस्यों से बात करता था और सोलर उर्जा सिस्टम से सीसीटीवी कैमरे लगाकर दूर-दूर तक निगाह रखता था, पुलिस आने की हलचल होने पर वह भाग जाता था, पुलिस अधीक्षक अमित तोलानी के निर्देशन में तीन थाना और लाइन से पुलिस बल खुफिया रास्तों के जरिए झोपडी तक पहुंचा। कुख्यात बंशी बंजारा को पेड से उतारने के लिए स्पेशल पुलिस टीम बुलाना पडी और पकडा। बंशी बंजारा ने मध्यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम और नीमच व राजस्थान के चित्तोडगढ, प्रतापगढ सहित अन्य जिलों में जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री और अनुबंध कर करोडों रूपए ऐंठ चुका है। पुलिस पूछताछ में कई वारदातों का खुलासा करेगी।

यह है पूरा मामला

बता दें कि नीमच सिटी पुलिस थाने में 24 नवंबर 2022 को मुकेश जयप्रकाश निवासी नीमच की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया था। फरियादी मुकेश से गिरोह का मुख्य सरगना बंशी बंजारा ने जेतपुरा के समीप एक जमीन के सौदे के लिए संपर्क किया और 75 लाख रूपए लेकर नकली भूमि स्वामी के रूप में भीमसिंह को खडा कर रजिस्ट्री करवा दी। इस मामले की पोल जब खुली तब भीमसिंह के नाम से खरीदी जमीन में पांच लाख का केसीसी भरने के लिए फरियादी मुकेश बैंक पहुंचा, बैंक में दर्ज फोटो और बंशी बंजारा द्वारा दिए आधार कार्ड में लगा भीमसिंह का फोटो अलग दिखा। बाद में तलाश की गई तो पता चला कि भूमि स्वामी भीमसिंह को तो पता ही नहीं कि उसकी जमीन कब बिकी, भीमसिंह की जगह बंशी बंजारा ने दूसरे व्यक्ति को खडा कर रजिस्ट्री करवा दी। इस मामले में बंशी पिता सददा बंजारा और प्रहलाद पिता गौरीलाल बंजारा निवासी सावनकुंड, अजय उर्फ शैलेंद्र उर्फ कालू पिता पप्पूदास बैरागी निवासी पिपलोन थाना नीमच सिटी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। प्रकरण दर्ज होते ही मुख्य सरगना बंशी बंजारा फरार हो गया। कई बार सावनकुंड गांव में पुलिस ने दबिश दी, लेकिन हाथ नहीं लगा। नीमच सिटी पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया। उसके मोबाइल टॉवर की लोकेशन के आधार पर तलाश शुरू की गई तो पता चला कि सावनकुंड से दूर जंगल में लोकेशन लगातार आ रही है। आरोपी ने झोपडी तक पहुंचने वाले रास्तों में सीसीटीवी कैमरे भी लगा रखे थे, ताकि पुलिस आएं तो उसे पता चल जाए, कैमरों की बिजली सप्लाई सोलर उर्जा सिस्टम से दे रखी थी। पुलिस ने यह जानकारी पहले जुटा ली थी, इसलिए गाडी दूर खडी कर खेतों—खेतों में पैदल चलकर घेराबंदी की और उसे गिरफ्तार किया। कुख्यात आरोपी ने कहां—कहां जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री और अनुबंध कर इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया है, पुलिस यह पता लगाने के लिए पूछताछ में जुटी हुई है।

आधारकार्ड में नकली व्यक्ति का फोटो लगाकर नकली व्यक्ति को बताते थे जमीन का मालिक

इस गिरोह का मुख्य सरगना बंशी बंजारा बहुत ही शातिर दिमाग का है, यूं तो पांचवी फेल है, लेकिन पढे—लिखों को गच्चा देने में माहिर है और 11 भाषाओं में पारंगत है और 500 सदस्य इस गिरोह में शामिल है। बंशी बंजारा यूएस की इंगलिश है और एबीसीडी लिखते याद नहीं है। गिरोह में शामिल सदस्यों को बंशी बंजारा ने एक-एक प्रक्रिया की ट्रेनिंग दे रखी है। पहले ये जिस जमीन का सौदा करना है, उसकी ऑनलाइन खसरा नकल, पावती निकालते है, इसके बाद उसका आधारकार्ड हासिल करते है। किसी ऑनलाइन एजेंसी वालों से भी इनकी सेटिंग सामने आई है, क्योंकि अगर किसी व्यक्ति का आधारकार्ड निकालते है तो उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाता है, उसके बाद ही नया आधारकार्ड निकलता है। ये आधारकार्ड कैसे हासिल कर लेते थे, पुलिस की तकनीकी टीम जांच में जुटी हुई है। आधार कार्ड में दूसरे का फोटो एडिट कर उसे भूमि स्वामी बताकर किसी व्यापारी से सस्ते दामों में जमीन देने का लालच देते थे और उस नकली व्यक्ति को खडा कर फर्जी अनुबंध या रजिस्र्टी करवाकर करोडों रूपए ऐंठते थे। इनकी कलाकारी इसलिए पकड में नहीं आती थी कि रजिस्ट्री या अनुबंध के वक्त आधारकार्ड में लगे फोटो, पता के हिसाब से जमीन के दस्तावेजों का मिलान होता और ये जमीन मालिक के नाम से ही फर्जी हस्ताक्षर करते थे।

रासुका की कार्रवाई के साथ-साथ चल चुका है बंशी पर मामा का बुलडोजर

बीते दस वर्षों के दौरान बंशी बंजारा ने कई ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है। धोखाधडी, लूट सहित अन्य धाराओं में कई प्रकरण दर्ज है। बीते दो वर्ष पहले मनासा रोड गांव सावनकुंड में उसने अवैध दुकानें बना दी थी। पुलिस ने उस पर दर्ज प्रकरण को देखते हुए हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट में शामिल किया और अवैध दुकानों को बुलडोजर के जरिए जमींदोज करते हुए बंशी बंजारा पर रासुका की कार्रवाई की थी और इंदौर जेल में कई माह तक रहा, जेल से छूटते ही धोखाधडी गिरोह को और बढा दिया।

गिरोह का एक सदस्य पहले से जेल में, कई फरार

फर्जी व्यक्ति खडा कर जमीन की रजिस्ट्री व अनुबंध कर पैसें ऐंठने वाले इस गिरोह के एक सदस्य शैलेंद्र उर्फ अजय उर्फ कालू पिता पप्पूदास बैरागी निवासी पिपलोन को 13 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया। फिलहाल शैलेंद्र बैरागी जेल में है। आरोपी ने पूछताछ में पूरे गिरोह का खुलासा किया था और मुख्य सरगना बंशी बंजारा को बताया। इस गिरोह ने छोटीसादडी थाना क्षेत्र में भी 35 लाख की धोखाधडी को अंजाम दिया था। गिरोह में शामिल प्रहलाद बंजारा निवासी सावनकुंड व राजस्थान का नकली भीमसिंह व धिनवा निवासी गजेंद्र तथा अन्य सदस्य फरार है।

Neemuch News : पुलिस गिरफ्त में आया फर्जी रजिस्ट्री कर रुपये ऐंठने वाला गिरोह का मास्टरमाइंड

व्यापारियों को फर्जी चेक थमाकर बनाया आलिशान मकान

कुख्या बंशी बंजारा की शोहरत पूरे नीमच जिले में फैली हुई है। कुछ साल पहले सावनकुंड गांव में उसने आलीशान मकान बनाया। उधारी में रेती, गिटटी, सीमेंट, सरिए लिए, किसी को फर्जी चेक दिया तो किसी को कुछ दिनों में पैसा देने की बात कही। नीमच से लाखों का फर्नीचर, एलईडी, फ्रीज भी ले गया। जब पैसे देने की बारी आई तो हाथ उंचे कर दिए। गांव में व्यापारी जाते थे उसकी पत्नी संतोषबाई बंजारा से फर्जी बलात्कार का केस दर्ज करवाने की धमकी देता था। इस तरह कई लोगों के करोडों रूपए मुख्य सरगना बंशी बंजारा डकार चुका है।

थाना नीमच सिटी जांच अधिकारी असमल पठान ने बताया कि नकली भूमि स्वामी को खडा कर रजिस्ट्री व अनुबंध कर रूपए ऐंठने वाले गिरोह के मुख्य सरगना बंशी बंजारा सावनकुंड को गिरफ्तार कर लिया है, उससे पूछताछ जारी है। अन्य वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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