Neemuch News : अपराधों की दुनिया से तौबा कर खेती के माध्यम से खुशहाल जिंदगी जीने वाले व्यक्ति को जबरन परेशान करने का मामला सामने आया है। जिस व्यक्ति के नाम के आगे खूंखार व कुख्यात लगाया जाता था, वहीं व्यक्ति आज समाज के लिए प्रेरणादायक बन गया। जेल से रिहा होने के बाद बंशी गुर्जर ने जिंदगी की नई शुरूआत की और आज उसी के पैर खींचने में लोग जुट गए है। बंशी गुर्जर के खिलाफ झूठी शिकायत का मामला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा है। बीते कुछ दिनों पूर्व बंशी गुर्जर निवासी नलवा के खिलाफ आवेदन दिया गया था। इस मामले में नया मोड तब आया, जब बंशी गुर्जर को अपनी स्वैच्छा से पैसों की जरूरत होने के कारण जमीन बेचने वाले दोनों भाईयों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि शिकायतकर्ता खलील मोहम्मद पिता युनूस खान निवासी बडकुआं और उसके भाई आरिफ खान ने शिकायत में उल्लेख किया कि उसके पिता के तीन पुत्र है। एक और बडा भाई इदरिश हमारी जमीनें नहीं बेचने देना चाहता है, जबकि उसके हिस्से की जमीन अलग गांव में स्थित है। वह भाईयों की जमीन हडपना चाहता है, बीते कुछ माह पूर्व दोनों भाईयों ने बडकुआं में स्थित अपने हिस्से की जमीन समाजसेवी बंशी गुर्जर को बेची। बाजार रेट से ज्यादा रूपए बंशी गुर्जर ने दिए। दोनों भाईयों और उसकी मां ने बंशी गुर्जर का धन्यवाद ज्ञापित किया, लेकिन एक अन्य भाई इदरिश ने अवैध राशि वसूलने के लिए बीते दिनों कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को झूठी शिकायत की, जिसमें झूठा आरोप लगाया कि बंशी गुर्जर जमीन हडप रहा है, पर हकीकत यह है कि बंशी गुर्जर उनके परिवार मुसीबत के समय में फरिश्ता बनकर आया और जमीन के बाजार मूल्य से ज्यादा भाव दिए। इदरिश के मंसूबे कायमाब नहीं हुए तो इदरिश ने झूठी शिकायत की, जबकि पूरा गांव नलवा और आसपास के गांव भलीभाँति जानते है कि इदरिश गलत है, वह भाईयों का हिस्सा नहीं बेचने देना चाहता है, जबरन उनकी जमीन हडपना चाहता है। दोनों भाई खलील और आरिफ ने उसके भाई इदरिश पर कार्रवाई की मांग की है, वह पुलिस और प्रशासन को गुमराह कर जमीन खरीदने वाले बंशी गुर्जर को बदनाम व धमकाने के हिसाब से झूठी शिकायतें कर रहे है।
जेल से रिहा होने के बाद शुरू की नई जिंदगी, अपराध मुक्त होकर खेती कर जीवन यापन कर रहा है बंशी गुर्जर
जिले में बंशी गुर्जर उस समय सुर्ख़ियों में आया था, जब फर्जी एनकाउंटर में निर्दोष व्यक्ति मारा गया था, पर उसमें मारने वाले पुलिसकर्मी दोषी थे, बंशी गुर्जर का कोई रोल अभी तक सामने नहीं आया। बंशी गुर्जर एक समय तक अपराधी रहा है। बंशी गुर्जर ने अपने अपराधों की सजा जेल में काटी है। दो वर्ष पहले वह जेल से निर्दोष होकर आया। बंशी गुर्जर ने समाज को एक नया संदेश दिया है कि जेल से छूटने के बाद जिंदगी की शुरूआत अच्छे कार्यों से कर अपने परिवार का लालन-पोषण कर रहा है। वहीं खेती करके अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहा है, लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है। बंशी गुर्जर मां आंत्रीमाता के परम भक्त है,वे मांस-मदिरा से कोंसो दूर रहते है और मां की भक्ति में ही लीन रहते है। हर धार्मिक गतिविधियों में बंशी गुर्जर आगे रहता है। जेल से छूटने के बाद बंशी गुर्जर में आए बदलाव को लोग भी प्रशंसा कर रहे है वहीं आस-पास के गांवों में बंशी गुर्जर हर समाज को अपराध मुक्त रहने की दिशा में भी प्रयास कर रहा है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट