पोस्ता की आड में दो नंबर का खेल, पुलिस व सीबीएन जांच पडताल में किया बड़ा खुलासा

फैक्टरी में पोस्ता की छनाई कर अलग से अफीम कालादाना और धोलापाली निकाला जाता है और इसी मादक पदार्थ के अंश की तस्करी की दुनिया में लाखों रूपए का मूल्य होता है।

Amit Sengar
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Neemuch News : मध्य प्रदेश के नीमच जिले में तस्करी के कई तरीके तस्करों ने इजात कर रखे हुए है। साल दर साल तरीकों में फेरबदल करते रहते है। नीमच की पोस्ता मंडी में हर दो चार साल में एक या दो सफेदपोश माफिया पनपता है। मंडी का रिकार्ड रहा है। पहले बाबू सिंधी पोस्तादाना की खरीद-फरोख्त की आड में मादक माफिया बन गया।

पोस्ता की अवैध तरीक से छनाई कर उससे अफीम कालादाना और धोलापाली निकालकर पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में इसकी सप्लाई करता था। बाबू सिंधी के जेल जाने के बाद कुछेक पोस्ता कारोबारी सफेदपोश माफिया बनकर काम कर रहे है। मेघदूत इंटरप्राइजेस के संचालक मनोज गर्ग और केदार गर्ग ने कनावटी के पास फैक्टरी संचालित रखी है, इसी फैक्टरी में पोस्ता की छनाई कर अलग से अफीम कालादाना और धोलापाली निकाला जाता है और इसी मादक पदार्थ के अंश की तस्करी की दुनिया में लाखों रूपए का मूल्य होता है।

मनोज गर्ग और केदार गर्ग की फर्म मेघदूत इंटरप्राइजेस में गडबडझाला

फैक्टरी में दो बडी मशीनें इसी काम के लिए लगा रखी है, जबकि यह नियम के विरूद्ध है। पोस्ता मंडी में दोनों भाई ने एक तरफा झांकी कर रखी है और मंडी में बेहरूपिया बनकर अवैध कार्य को अंजाम दे रहे है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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