Tue, Dec 30, 2025

नीमच मंडी में औंधे मुंह गिरा प्याज, कई किसानों ने फेंकी उपज, कुछ गाय-भैंस का चारा बनाने ले गए वापस

Written by:Shruty Kushwaha
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प्याज के दाम कभी खरीदारों को रुलाते हैं तो कभी किसानों को। फिलहाल प्रदेश में प्याज की कीमतों के कारण किसान की आंखों में आंसू है। स्थिति ये है कि उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। कुछ किसानों ने तो एक रूपए दस पैसे की बोली सुनकर अपनी फसल वहीं छोड़कर जाना मुनासिब समझा। इनका कहना है कि मंडी में न्यूनतम कीमत तय की जानी चाहिए जिससे इनकी मेहनत पर इस तरह पानी न फिरे।
नीमच मंडी में औंधे मुंह गिरा प्याज, कई किसानों ने फेंकी उपज, कुछ गाय-भैंस का चारा बनाने ले गए वापस

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी नीमच में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की कमर तोड़ दी है। मौसम की मार और बंपर आवक के चलते प्याज का दाम एक रुपये से लेकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गया है। हालात इतने खराब हैं कि कई किसान अपनी उपज मंडी में ही फेंकने को मजबूर हो गए हैं क्योंकि लागत तो दूर उनका परिवहन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है।

किसानों का कहना है कि उन्हें प्याज उगाने में सिंचाई, खाद, कीटनाशक, मज़दूरी सहित प्रति क्विंटल 300 से 500 रुपये तक की लागत आई है। लेकिन अब नीलामी में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल राशि ही मिल रही है जिससे ट्रांसपोर्ट तक का खर्च नहीं निकल रहा। इनका कहना है कि स्थिति ये है कि लागत भी नहीं निकल पा रही है।

कौड़ियों के भाव बिक रहे हैं प्याज, किसान परेशान

प्रदेश की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी नीमच में इन दिनों प्याज के दाम ऐसे गिरे हैं कि किसानों की आंखों से आंसू छलक पड़े हैं। मंडी में प्याज की कीमतें साढ़े एक रूपए दस पैसे से लेकर 12 रुपये प्रति किलो के बीच रह गई हैं। कई किसानों को तो इतना पैसा भी नहीं मिला कि वे अपनी लागत निकाल सकें। मजबूरन कुछ किसान अपनी उपज मंडी में छोड़कर चले गए, तो कुछ इसे वापस घर ले जाकर पशुओं को खिलाने की बात करते दिख रहे हैं। इनका कहना है कि इससे बेहतर है कि ये इसे चारे के रूप में अपने मवेशियों को खिला दें। किसानों ने कहा है कि फसल की न्यूनतम कीमत तय की जानी चाहिए जिससे उन्हें इतना नुकसान न उठाना पड़े।

बंपर आवक और कम खपत बनी संकट की वजह

इसे लेकर मंडी निरीक्षक समीरदास ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र से प्याज की अधिक आवक और बाजार में कम मांग इस संकट का प्रमुख कारण है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे कुछ समय के लिए अपनी उपज रोककर रखें और कीमतों में बढ़ोत्तरी का इंतज़ार करें। लेकिन प्याज की कीमतों में इतनी गिरावट ने किसानों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट