गांधीसागर अभ्यारण्य से निकला तेंदुआ गांव के नजदीक पहुंचा, ग्रामीणों में दहशत, लाठी लेकर दे रहे पहरा, रेस्क्यू टीम कर रही सर्चिंग

ग्रामीण हाथों में लाठियां लेकर उस जगह पहुंच गए जहां तेंदुए का मूवमेंट था। लोगों के चिल्लाने के कारण तेंदुआ झाड़ियों से निकलकर सड़क पार कर दूसरी तरफ जाते दिखाई दिया। कुछ लोगों ने तेंदुए के वीडियो बनाकर वायरल कर दिये।

Atul Saxena
Published on -
leopard

Leopard came out of Gandhisagar sanctuary : नीमच जिले की सीमा पर बसे वनांचल के गांवों में एक तेंदुए के आ जाने से ग्रामीण दहशत में हैं। तेंदुआ गांधीसागर अभ्यारण्य से निकलकर गांवों के नजदीक आ पहुंचा है। तेंदुए की  मौजूदगी की सूचना वन विभाग को दी गई जिसके बाद रेस्क्यू टीम उसकी सर्चिंग कर रही है उधर ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए लाठी लिए पहरा दे रहे हैं।

लाठी लेकर पहुंच गए ग्रामीण,  तेंदुए का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला  

आज सुबह गांधीसागर अभ्यारण्य के समीप नीमच जिले की सीमा के वन क्षेत्र के गांव रावलीकुई, करणपुरा के ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा। तेंदुए के गांव के नजदीक आने की सूचना पर वन विभाग ने एलान करवाया कि ग्रामीण अपने घरों के भीतर रहे। लेकिन ग्रामीण हाथों में लाठियां लेकर उस जगह पहुंच गए जहां तेंदुए का मूवमेंट था। लोगों के चिल्लाने के कारण तेंदुआ झाड़ियों से निकलकर सड़क पार कर दूसरी तरफ जाते दिखाई दिया। कुछ लोगों ने तेंदुए के वीडियो बनाकर वायरल कर दिये।

चीता प्रोजेक्ट की बाढ़ के लिए हुई तार फेन्सिंग टूटने से खतरा बढ़ा

गौरतलब है कि एक माह पहले भी अभ्यारण्य की बाढ़ से निकलकर तेंदुआ सड़क के पास आ गया था। दूसरी तरफ चीता प्रोजेक्ट के लिए जो बाड़ा बनाया गया है उसकी तार फेन्सिंग भी पिछले दिनों टूट गई। इसमें भारी भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं। मंदसौर के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता यशपालसिंह सिसोदिया ने भी दो दिन पहले चीता प्रोजेक्ट की तार फेन्सिंग टूटने की घटना को लेकर वनमंत्री रामनिवास रावत को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है। बहरहाल गांधीसागर से सटे नीमच जिले के वन गांवों में तेंदुए के कारण दहशत का माहौल है। वन विभाग की टीम तेंदुए को काबू करने में जुटी है।

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News