फिर जल्द शुरू होगी नीमच की पोस्ता मंडी, इन नियमों का पालन होगा जरूरी

Amit Sengar
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नीमच, कमलेश सारडा। बीते तीन माह से नीमच (neemuch) में बंद पोस्ता मंडी फिर से शुरू होगी। अगले सप्ताह मंडी शुरू होने की खबर सामने आई है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के डीएनसी, कलेक्टर, एसपी और पोस्ता मंडी के व्यापारियों की विगत दिनों बैठक हुई थी। बैठक में कुछ दिन का समय मांगा गया था, सूत्र बताते है कि पोस्ता मंडी के व्यापारियों ने मन बना लिया है और अगले सप्ताह से मंडी में पोस्ते की नीलामी शुरू हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी प्रकरण के बाद ही नीमच में पोस्ता मंडी की स्थिति खराब हो गई थी। बाबू सिंधी के गोदाम से भारी मात्रा में अफीम कालादाना और धोलापाली जब्त किया था, जो कि बाबू यह अफीम कालादाना और धोलापाली मंडी के कुछेक व्यापारियों से लेता था। सालभर बाद मंडी की ही दो फर्मों धीरेंद्र इंटरप्राईजेस और सुबोध भंसाली के यहां सीबीएन ने कार्रवाई की थी और रिजेक्शन जब्त किया था। इसके बाद मंडी के व्यापारियों ने पोस्ता नीलामी में भाग लेना बंद कर दिया था। बीते तीन माह से पोस्ता मंडी बंद है, ऐसी स्थिति में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। कलेक्टर डॉ मयंक अग्रवाल चाहते है कि मंडी में पोस्ता की खरीदी शुरू हो, क्योंकि हजारों किसानों से मामला जुडा हुआ है। पिछले दिनों डीएनसी की उपस्थि​ति में बैठक हुई थी, बैठक में पोस्ता कारोबारियों ने कुछ समय मांगा था। पूरी तरह से व्यापारी अब मन बना चुके है। अगले सप्ताह मंडी शुरू हो सकती है।

नियमों का पालन करना होगा
मंडी व्यापारी जिस हालत में किसान पोस्ता लाएंगे, उसी स्थिति में बाहर भेजेंगे, अलग से अफीम कालादाना और धोलापाली नहीं निकालेंगे। अगर निकालेंगे तो मामला पकड में आता है तो जवाबदारी संबंधित व्यापारी की होगी। पोस्ता की छनाई नहीं करेंगे। व्यापारियों की मंशा थी कि नारकोटिक्स ​ब्यूरो उन्हें छनाई की अनुमति दे, लेकिन डीएनसी ने साफ तौर पर मना कर दिया कि वे छनाई की अनुमति नहीं देंगे। आबकारी विभाग ने भी मना कर दिया। कुल मिलाकर पोस्ता कारोबारी बिना छनाई के ही पोस्ता बाहर भेजेंगे, जिससे किसी भी प्रकार की कार्रवाई का डर भी उन्हें रहेगा।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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