Rajgarh News : मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम जैसा दिव्य दरबार लगा। जहां बागेश्वर धाम के जैसे माइक पर नाम पुकारना और पर्चा लिखना आदि करते हुए देखा गया। बता दें कि यह नजारा बागेश्वर धाम के धरेंद्र शास्त्री का नही है बल्कि राजगढ़ जिले के एक छोटे से गांव जूनापानी का है। जहां राघोगढ़ में रहने वाले मंशापूर्ण धाम के हनुमंतदास का दिव्य दरबार लगा है।
ये नए बाबा खुद को बागेश्वर धाम का शिष्य बता रहे है। नए बाबा हनुमंतदास का कहना है कि मध्यप्रदेश के अशोक नगर में उन्होंने बागेश्वर धाम के धरेंद्र शास्त्री से गुरु दीक्षा ली। जिसके बाद उन्होंने मंशापूर्ण घाम के नाम से दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया। दरअसल, जूनापानी गांव के बाहर मन्दिर परिसर में एक भव्य टेंट लगाया गया है। इस टेंट के सामने एक मंच सजा हुआ है।
हनुमंतदास द्वारा लगाया जा रहा दिव्य दरबार
जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर रामगढ़ के पास जूनापानी मन्दिर परिसर में बागेश्वर घाम की तरहा ही पिछले दो दिन से गुना जिले के राघोगढ़ से आए मंशापूर्ण धाम के हनुमंतदास के द्वारा दिव्य दरबार लगाया गया। जिसमें आसपास के लोग अपनी समस्या व पीड़ा लेकर पहुचे थे । दोपहर 12 बजे दिव्य दरबार शुरू हुआ, जहां मंच पर बैठे हनुमंतदास भी बागेश्वर घाम की तरहा ही गले मे हनुमानजी का लॉकेट, पास में पेन और पर्चे रखे है।
तभी मंच से हनुमंतदास सभी लोगो से कहते है आप सभी मन मे राम नाम का जाप करते रहे और आपकी जो भी अर्जी हनुमान जी महाराज को सुनाते रहे। राम नाम का जाप करने से ही आपकी अर्जी हनुमानजी तक पहुंचेगी।
फिर वहां दरबार में मौजूद सभी लोगों से 5 मिनट रामनाम का जाप करने को बोलते है। जिसके बाद वो माइक पर कहते हैं बद्रीलाल जी आजाओ तभी मंच के सामने बेटी भीड़ में से एक ब्लैक कलर के टीशर्ट में दुबला पतला व्यक्ति उठकर मंच की ओर आता है। हनुमंतदास कहते हैं। आप ही बद्रीलाल हो? वहां कहता है- हां। जिसके बाद उस व्यक्ति को अपनी आंखें बंद कर लेने के लिए कहता है। तब मंच के सामने खड़ा आदमी अपनी आँखें बंद कर लेता है।
तभी हनुमंतदास उनका पर्चा लिखा शुरू करते है। पर्चा लिखने के दौरान वहां बोलते है। आंखे खोल लो तब सामने खड़ा व्यक्ति अपनी आंख खोल लेता है। उसके बाद मंच पर बैठे हनुमान दास तभी कहते हैं कालू राम कौन हैं? सामने खड़ा बद्रीलाल कहता है मेरे पिता जी, हनुमंतदास कमली कौन है? वह बोलता है मेरी माताजी, हनुमंतदास बोलते है रामबाबू कौन है ? बद्रीलाल बोलता है, मेरा भाई है। हनुमंतदास बोलते है’ किसी को बताया था आपने, बद्रीलाल बोलता है नही बताया था। जिसके बाद मंच से कहा जाता है बोलो साचे दरबार की सामने बैठे लोग जय बोलते हुए तालियां बजाने लगते है।
मंच पर बैठे हनुमंतदास सामने खड़े बद्रीलाल नामके युवक से उसकी परेशानी और समस्या के बारे में पूछते है। क्या समस्या है बताओ? सामने खड़ा व्यक्ति बद्रीलाल कहता है कि मैं किसी का अच्छा करता हूं तो मेरे साथ बुरा होता है और शर्माने लगता है। तभी हनुमंतदास कहते हैं शर्माओं नहीं बताओ लेकिन वह जब नही बोलता है तो हनुमंतदास कहते है चलो हम आपको बताते है।
आपकी अर्जी विवाह के सम्बंध में है। आप चाहते हो आपकी शादी हो जाए। दूसरा आपकी आर्थिक स्थिति खराब है। आप कुछ बोलते हो वह आपका कार्य पूरा नहीं होता है। सामने खड़ा युवक बोलता है हां ये बात सही है। तभी हनुमंतदास कहते हैं आपकी आर्थिक स्थिति भी ठीक हो जाएगी और आपकी शादी भी जल्द हो जाएगी।
कौन है दिव्य दरबार लगाने वाले ये बाबा
बागेश्वर धाम की तरह ही दिव्य दरबार लगाने वाले मंशापूर्ण धाम के बाबा ने बताया कि उनका नाम हनुमंतदास सेनिल है। वह गुना जिले के राघोगढ़ में रहते हैं। उनके माता- पिता और तीन भाई- बहन है। जिसमें दो भाई और 1 बहन है। उनके पिता प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। पढाई में उन्होंने BA किया है।
19 साल की उम्र में वहां अध्यात्म से जुड़कर साधना पूजा पाठ करने लगे लेकिन अभी 4 से 5 सालों से उनका मन पूजा- पाठ और साधना में ज्यादा लगने लगा था। जिसके चलते अशोकनगर में आए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री से मेने गुरु दीक्षा ली थी और उसके बाद से मेरे ऊपर हनुमानजी की कृपा हुई और दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया।
पिछले डेढ़ साल से राघोगढ़ में स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर वहां दिव्य दरबार लगा रहे हैं। जहां दूर- दूर से लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। राघोगढ़ में हर मंगलवार को दिव्य दरबार दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक लगता है। वहां उस स्थान को छोड़कर अन्य कहीं दरबार नहीं लगाते हैं लेकिन उन्होंने पहली बार राजगढ़ में यहा दरबार लगाया है। उन्होंने बताया कि उनके पास कोई दिव्य शक्ति नहीं है सिर्फ हनुमान जी की कृपा है, जिससे वह लोगों के मन की बात जान लेते हैं।
राजगढ़ से जितेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट