New Criminal Law : भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू होने के साथ ही भोपाल पुलिस ने तुरंत नए कानूनों के तहत मामले दर्ज करना शुरू कर दिए है। वहीं भोपाल कमिश्नर हरीनारायणचारी मिश्र ने नए कानूनों के कार्यान्वयन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को तकनीकी प्रशिक्षण देकर अपडेट किया गया है, जिससे अपराधों के खिलाफ प्रभावी रूप से लड़ने में मदद मिलेगी। वहीं दूसरी और, कांग्रेस इस बदलाव का विरोध कर रही है, इसे जनहित के खिलाफ बताते हुए विधानसभा में विरोध दर्ज कराने की तैयारी में है।
दरअसल भोपाल कमिश्नर हरीनारायणचारी मिश्र ने कहा कि, “नए कानून लागू होने के साथ ही जो घटनाएं पहले हुई हैं, उनमें नए कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है। हमने पुलिस कर्मियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षण देकर अपडेट किया है। इसके लिए भोपाल में साढ़े 4 हजार से अधिक जवानों को ट्रेनिंग दी गई है। यह प्रशिक्षण जटिल अपराधों के खिलाफ लड़ने में पुलिस को मदद करेगा।’
इसके साथ ही हरीनारायणचारी मिश्र ने जानकारी दी कि नए कानून में उन धाराओं को हटाया गया है जिनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में आवश्यकता नहीं थी, और जो कानून और धारा जरूरी थीं, उन्हें और मजबूत किया गया है। इससे अपराधों पर प्रभावी रूप से लगाम लगाई जाएगी।
कांग्रेस का विरोध:
वहीं दूसरी और, विपक्ष भारतीय न्याय संहिता का विरोध कर रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि, “भारत की दंड संहिता बदलने की जरूरत ही क्या थी? बीजेपी कोई भी कानून लाए वह जनहित का हो ही नहीं सकता। पहले का कानून दुरुस्त था। क्या दंड संहिता में न्याय नहीं मिलता था? क्यों बदल रहे हैं? किसी दिन तो सूरज को भी बदल देंगे, दिन को भी बदल देंगे, रात को ही बदल देंगे। क्या यह सिर्फ बदलने आए हैं? कांग्रेस इसका विरोध करती है। वोट लौटकर आई है बीजेपी जनता से चुनी हुई सरकार नहीं है।”
नए कानून के तहत पहला मामला:
वहीं नए कानून के तहत भोपाल के हनुमानगंज थाने में पहला मामला झगड़े का दर्ज किया गया है। इस मामले को लेकर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की है और नए कानून के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसकी जानकारी भोपाल कमिश्नर हरीनारायणचारी मिश्र ने मीडिया से चर्चा करते हुए दी।
नए कानूनों का उद्देश्य:
दरअसल नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य अपराधों की जांच और सजा को और अधिक प्रभावी बनाना है, जिससे देश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। इसमें महिलाओं, बच्चों और जानवरों से जुड़ी हिंसा के लिए कठोर नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा, कई प्रक्रियात्मक बदलाव भी किए गए हैं, जैसे कि अब आप घर बैठे e-FIR दर्ज करा सकते हैं।
भोपाल में नए कानून के लागू होने के बाद से पुलिस प्रशासन ने तेजी से कार्यवाही की है और नए कानूनों के तहत मामले दर्ज किए हैं। वहीं, विपक्ष इस बदलाव का विरोध कर रहा है और इसे जनहित के खिलाफ बता रहा है। हालांकि आने वाले समय में यह देखना होगा कि ये नए कानून अपराधों पर कितना प्रभाव डालते हैं और कानून व्यवस्था को कितना सुधारते हैं।