Transfer 2024 : अधिकारियों कर्मचारियों के लिए अपडेट, जल्द 15 दिनों के लिए हटेगा तबादलों से प्रतिबंध, कई कलेक्टर-कमिश्नर-SP होंगे इधर से उधर!

नई नीति के तहत सभी विभागों को प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले करने की अनुमति रहेगी लेकिन किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे।इससे पहले प्रदेश में वर्ष 2021 में तबादला नीति घोषित की गई थी, तब जुलाई में एक माह के लिए तबादले से प्रतिबंध हटाया गया था।

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Transfer in MP : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। जल्द प्रदेश में छह माह से लगा तबादलों पर प्रतिबंध हटने वाला है। खबर है कि जुलाई में मोहन यादव सरकार 15 दिनों के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटा सकती है। इसके साथ ही नई तबादला नीति भी घोषित कर सकती है। कयास लगाए जा रहे है कि तबादलों से बैन हटने के बाद प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रशासनिक सर्जरी की जा सकती है।

15 दिनों के लिए हटेगा तबादलों से बैन!

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार जल्द 15 दिनों के लिए तबादले से प्रतिबंध हटाने की तैयारी में है। इसके लिए नई तबादला नीति का प्रारूप  तैयार किया गया है, जिसे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव मंत्रियों से विचार-विमर्श करने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।तबादला नीति का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व विभागीय अधिकारियों का होगा।इसके तहत IAS, IG , SP, IPS समेत बड़े अधिकारियों के अलावा विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का तबादला किया जा सकता है। सुत्रों की मानें तो नई तबादला नीति में गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वेच्छा सहित अन्य आधार स्थानांतरण को प्राथमिकता मिलेगी।

किस तरह होंगे तबादले

नई नीति के तहत सभी विभागों को प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले करने की अनुमति रहेगी लेकिन किसी भी संवर्ग में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे। प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारियों के मुख्यमंत्री, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के विभागीय मंत्री और जिले के भीतर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे। इससे पहले प्रदेश में वर्ष 2021 में तबादला नीति घोषित की गई थी, तब जुलाई में 1 माह के लिए तबादले से बैन हटाया गया था।

चुनाव के चलते लग गया था तबादलों पर प्रतिबंध

दरअसल, राज्य सरकार आमतौर पर प्रतिवर्ष मई-जून में तबादलों से बैन हटाती है। इसमें अधिकतम 20% तबादले करने का अधिकार विभागीय मंत्रियों को दिया जाता है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही तबादलों पर बैन लग गया था। इसके चलते राज्य सरकार चुनाव कार्य में संलग्न 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर, कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक समेत कई संवर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले चुनाव आयोग की अनुमति के बाद नहीं कर सकती थी हालांकि इस अवधि में केवल उन्हीं अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हुए जो प्रशासकीय दृष्टि से बहुत जरूरी थे।

उत्तराखंड में 31 तक तो तेलंगाना में 20 जुलाई तक होंगे तबादले

  • गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने तबादला एक्ट के तहत 31 जुलाई तक अधिकारियों कर्मचारियों के तबादलों के लिए आदेश जारी किए है। तबादला अधिनियम के तहत चार वर्ष पूरे करने वाले कर्मचारी को सुगम के एक कार्यालय से सुगम दूसरे कार्यालय में पद रिक्त होने पर स्थानांतरित किया जा सकेगा। पद रिक्त न होने की दशा में इस श्रेणी के दो कर्मचारी पारस्परिक रूप से स्थानांतरित किए जा सकते हैं।
  • तेलंगाना सरकार ने भी सामान्य कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक हटा दी है। इसके तहत 20 जुलाई तक पारदर्शी तरीके से काउंसलिंग के जरिए तबादले किए जाएंगे। काउंसलिंग ऑनलाइन या वेब आधारित एप्लीकेशन के जरिए की जाएगी। कर्मचारी अपने तबादले के लिए 5 क्षेत्र चुन विभागाध्यक्ष को भेज जा सकते हैं।इससे विभिन्न विभागों में तैनात करीब 3 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को लाभ मिल सकता है।

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Pooja Khodani

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