भारत के हर एक शहर की अपनी अलग-अलग पहचान है। कुछ शहर बहुत साल पुराने हैं, तो कुछ शहर नए भी है। भारत के ऐसे बहुत सारे शहर हैं, जिनका इतिहास कई हजारों साल पुराना है और इन्हें विश्व के सबसे पुराने शहरों में से भी गिना जाता है, जिनमें उत्तर प्रदेश का बनारस शहर भी शामिल है, लेकिन आज हम आपको भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) के सबसे खूबसूरत और प्राचीन शहर के बारे में बताएंगे, जिसका इतिहास पूर्ण है।
इस शहर में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ यह एक धार्मिक स्थल भी है। आइए एमपी के सबसे पुराने शहर के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

मंडलेश्वर (Mandaleshwar)
दरअसल, इस शहर का नाम मंडलेश्वर है जो कि खरगोन जिले में स्थित है। यह शहर मां नर्मदा नदी के पावन तट पर बसा हुआ है। जिसकी आबादी 20 से 25 हजार है। यहां के खूबसूरत घाट, धार्मिक स्थल, ऐतिहासिक विरासत के रूप में वैश्विक तौर पर प्रसिद्ध है। यहां आने वाले लोग नर्मदा नदी में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही घूमने फिरने वाली जगह पर अपनी ट्रिप को यादगार बनाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मध्य प्रदेश का सबसे प्राचीन शहर है।
5000 साल पुराना इतिहास
इतिहासकारों के अनुसार, यह शहर करीब 5000 साल पुराना है, जो कि माहिष्मती नगरी का एक छोटा सा मोहल्ला हुआ करता था। धीरे-धीरे यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के रूप में पूरे देश भर में प्रसिद्ध हुआ। साल 2010 में मध्य प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र को पवित्र नगरी घोषित कर दिया। इसके बाद यहां विश्व भर के पर्यटक भी पहुंचने लगे। यहां आने वाले पर्यटकों का स्थानीय लोगों द्वारा खास ख्याल रखा जाता है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने यहां रोजगार के अवसर मिले। गली-मोहल्लों को विकसित किया गया। तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध हुई।
ऐसे पड़ा नाम
शहर को मंडलेश्वर के नाम से जाने जाने के पीछे भी एक वजह है। दरअसल, यहां आचार्य मंडल मिश्रा अपनी पत्नी विदुषी भारती देवी के साथ रहते थे। जिनका एक गुरुकुल भी हुआ करता था। उन्हीं के नाम पर पहले इस शहर का नाम मुंडन मोहल्ला पड़ा। बाद में लोगों ने इसे मांडवेश्वर कहा। ब्रिटिश गवर्नमेंट के रिकॉर्ड के अनुसार, अंग्रेजों द्वारा मंडलेश्वर को बदलकर मुंडलेश्वर लिखा गया, लेकिन जब अहिल्याबाई शासन करने लगी, तो उन्होंने इसमें संशोधन करके इसे मंडलेश्वर कर दिया। तब से ही इस क्षेत्र को मंडलेश्वर कहा जाने लगा।
फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग
इस शहर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। पौराणिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र पाया गया है कि पांडव इस क्षेत्र में भ्रमण किया करते थे। यदि आपको कभी इस धार्मिक स्थल पर जाने का मौका मिले, तो आप यहां 52 गज शिव ज्योतिर्लिंग मंडेश्वर और मांडव जैसे प्राचीन मंदिर जा सकते हैं। बता दें कि यहां बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। जिस कारण यह स्थान पर्यटकों के बीच और अधिक मशहूर हो गया।