नीमच में बड़ा पंचायत घोटाला आया सामने, सरपंच, सचिव और रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार का मामला किया गया दर्ज

नीमच जिले की मनासा तहसील के ग्राम पंचायत अल्हेड़ में शमशान की जमीन पर अवैध पट्टे, फर्जी निर्माण कार्य और अपनों की कंपनियों को फायदा पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं। EOW ने सरपंच, सचिव समेत 7 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।

नीमच की मनासा तहसील की ग्राम पंचायत अल्हेड़ में सरकारी जमीनों पर कब्जे, फर्जी निर्माण कार्य और अपनों को फायदा पहुंचाने का बड़ा मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की जांच में खुलासा हुआ कि पंचायत भवन की मरम्मत की फर्जी जानकारी पोर्टल पर डालकर 1.68 लाख रुपये का भुगतान करा लिया गया। साथ ही शमशान की जमीन पर अवैध पट्टे देकर निर्माण की अनुमति भी दी गई। इस मामले में पंचायत के पूर्व और वर्तमान सरपंच, सचिव, उनके रिश्तेदारों और फर्जी लाभ उठाने वाले सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

2015 में पंचायत भवन की मरम्मत के लिए स्वीकृत राशि का दुरुपयोग किया गया। EOW की जांच में सामने आया कि तत्कालीन सरपंच अंगूरबाला माली और सचिव सुगना साल्वी ने पोर्टल पर मरम्मत की जगह ‘बाउंड्री वॉल’ निर्माण की जानकारी अपलोड कर दी, जबकि वास्तव में कोई दीवार बनी ही नहीं। इसके बावजूद पूरा भुगतान निकाल लिया गया। ये काम योजना के नाम पर भ्रष्टाचार का सीधा उदाहरण है, जिसमें सरकारी धन का फर्जी उपयोग किया गया।

पद का दुरुपयोग कर लोगों को निजी लाभ पहुंचाया गया

गांव की शासकीय श्मशान भूमि को आवासीय पट्टा बनाकर दो ग्रामीणों ज्ञानचंद्र माली और उनके पिता मथूरालाल माली को दे दिया गया। गौरतलब है कि यह पट्टा उस जमीन पर दिया गया जो मरघट के लिए आरक्षित थी। यहां तक कि एक साल तक निर्माण न होने के बावजूद, जिसे नियमों के अनुसार अपने आप रद्द हो जाना चाहिए था, उसे जानबूझकर वैध करार देकर भवन निर्माण की अनुमति भी दे दी गई। इससे साफ होता है कि किस तरह पद का दुरुपयोग कर लोगों को निजी लाभ पहुंचाया गया।

पारिवारिक कंपनियों को अवैध लाभ पहुंचाया

जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन सचिव सुगना साल्वी ने अपने पति की कंपनी ‘दिशा कंस्ट्रक्शन’ को पंचायत के कामों का भुगतान करवाया, वहीं पूर्व सरपंच अंगूरबाला माली ने अपने बेटे अर्जुन माली की फर्म ‘याशिका कंस्ट्रक्शन’ को ठेका देकर लाभ पहुंचाया। यह सीधे तौर पर हितों के टकराव का मामला बनता है, जहां पद पर रहते हुए पारिवारिक कंपनियों को अवैध लाभ दिया गया। इस तरह के मामले पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के गंभीर संकेत हैं, जो पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करते हैं।

कमलेश सारडा, नीमच


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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