खजुराहो सीट से इंडी गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन फॉर्म निरस्त होने पर भड़के अखिलेश यादव, की न्यायिक जाँच की मांग, बोले- ये लोकतांत्रिक अपराध

अखिलेश यादव ने मीरा यादव का फॉर्म निरस्त होने के बाद भाजपा पर बरसते हुए कहा कि सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जाँच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।

Atul Saxena
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Akhilesh Yadav

Lok Sabha Election 2024 : मध्य प्रदेश की चर्चित सीट खजुराहो से इंडी गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन फॉर्म आज जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने निरस्त कर दिया, फॉर्म निरस्त किये जाने के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश भड़क गए हैं उन्होंने X पर पोस्ट शेयर करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने न्यायिक जाँच की मांग की 

अखिलेश यादव ने X पर लिखा-  खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखनेवाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जाँच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।

प्रत्याशी के पति ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बता कही है 

उल्लेखनीय है कि आज दिन में पन्ना के जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमारने इंडी गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन फॉर्म निरस्त कर दिया था, निर्वाचन अधिकारी के द्वारा फॉर्म में दो कमियां बताई गई एक जगह प्रत्याशी ने हस्ताक्षर नहीं किये थे और प्रमाणित वोटर लिस्ट भी पुरानी लगाई गई, इस मामले के बाद प्रत्याशी मीरा यादव के पति दीप नारायण यादव ने कहा कि हम इसके खिलाफ चुनाव आयोग, हाईकोर्ट जायेंगे और जरुरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जायेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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