JK Cement हादसे के मृतकों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग, जीतू पटवारी करेंगे फैक्ट्री का दौरा

जीतू पटवारी ने राज्य शासन से हादसे की जांच करने का अनुरोध किया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग के साथ प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए 50-50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है ।  

Atul Saxena
Published on -

Panna JK Cement accident: पन्ना की जेके सीमेंट फैक्ट्री में आज गुरुवार सुबह उस समय चीख पुकार मच गई जब निर्माणाधीन हिस्से में छत की स्लैब डालने के लिए उपयोग किये जाने वाला डाला टूटकर नीचे गिर गया, जिस समय ये हादसा हुआ उस समय कई मजदूर नीचे काम कर रहे थे जो उसमें दब गए, अभी तक प्रशासन ने 4 मजदूरों की मौत की पुष्टि की है उधर कांग्रेस ने प्रशासन पर हादसों को दबाने के आरोप लगाये हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी घटना स्थल का दौरा करने जायेंगे उन्होंने मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।

जेके सीमेंट प्लांट में हुए हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं रेस्क्यू टीमें दबे हुए मजदूरों को निकालने में जुट गई, हादसा बड़ा होने के कारण घायलों की संख्या भी अधिक बताई जा रही है उधर फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक प्रशासन के मौत के आंकड़े को गलत बता रहे हैं, उनमें अभी भय का माहौल है, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

MP

स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर हादसे को दबाने के आरोप

उधर अब इस हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हादसे पर दुःख जताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की साथ ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर हादसे को दबाने के आरोप भी लगाये, जीतू पटवारी ने कहा सैकड़ों मजदूरों की जान अभी भी संकट में है।

मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख का मुआवजा देने की मांग 

जीतू पटवारी ने कहा मैं जल्दी ही पन्ना जाऊंगा और फैक्ट्री में हुए हादसे की जानकारी लूँगा घायलों से मिलूँगा, मृतकों के परिजनों से मिलूँगा उन्होंने राज्य शासन से हादसे की जांच करने का अनुरोध किया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग के साथ प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए 50-50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News