Panna News : एक हीरे ने बदल दी 10 किसान परिवारों की जिंदगी, रातों रात बन गए लखपति

Atul Saxena
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Panna News : आपने राजा से रंक और रंक से राजा बनने के किस्से बहुत सुने होंगे लेकिन एक हीरे ने कैसे 10 किसान परिवारों की किस्मत बदल दी आज ये हम आपको बताएँगे, दरअसल हीरे उगलने वाली वाली पन्ना की धरती से इस साल का सबसे बड़ा हीरा निकला है , ये जिस जमीन में निकला वो पट्टे वाली जमीन है जिसे 10 पार्टनर मिल कर संभालते हैं, हीरे की अनुमानित कीमत 35 लाख रुपये से अधिक है और इसने अब इन किसानों के परिवारों को रातों रात लखपति बना दिया है।

मध्य प्रदेश का पन्ना जिला बेशकीमती हीरों के लिए देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है, यहां के हीरे की क्वालिटी जेम्स क्वालिटी की होती है जिसकी कीमत बहुत अधिक होती है,  कहते हैं कि ये धरती किसी को भी रंक से राजा बना देती है ऐसा ही कुछ किसान सुनील कुमार और उसके नौ साथियों के साथ हुआ।

Panna News : एक हीरे ने बदल दी 10 किसान परिवारों की जिंदगी, रातों रात बन गए लखपति

सुनील कुमार ने हीरे खदान की पट्टे वाली जमीन शासन से ली हुई है, इसमें उन्होंने नौ साथियों को पार्टनर बनाया है, तीन साल से सुनील कुमार अपने साथियों के साथ अच्छी क्वालिटी के हीरों की तलाश में जमीन में मेहनत कर रहे हैं, इसी बीच खुदाई के दौरान एक श्रमिक को बहुत बड़ा हीरा दिखाई दिया।

हीरा दिखते ही खदान में ख़ुशी की लहर दौड़ गई, सुनील कुमार ने अपने सभी साथियों को सूचना दी, हीरे की सफाई के बाद सभी लोग जिला हीरा अधिकारी कार्यालय पन्ना पहुंचे जहाँ जब हीरे का वजन कराया गया तो वो 7 कैरेट 90 सेंट का निकला, कहा जा रहा है कि ये अब तक का इस साल का सबसे बड़ा हीरा है जो पन्ना की धरती से निकला है।

सुनील ने अपने साथियों की मौजूदगी में हीरे को हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है अब इसका जब ऑक्शन होगा और उससे जो राशि मिलेगी वो इन 10 किसानों को दी जाएगी, बड़ी बात ये है कि इस बड़े हीरे की अनुमानित कीमत 35 लाख रुपये से अधिक है, यानि ये सभी किसान रातों रात लखपति बन गए हैं। किसान सुनील कुमार ने कहा कि वे तीन साल से हीरे की तलाश में थे अब इस राशि को हम सभी आपस में बांट लेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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