सागर, डेस्क रिपोर्ट। सागर जिले (Sagar district) से हाल ही में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसको देखकर सभी हैरान रह गए। यहां पर एक पटवारी (patwari) ने खुद को मिलने वाले अधिकारों का ऐसा दुरुपयोग किया जो समझ से परे है। बताया जा रहा है कि सागर जिले के पटवारी जिसका नाम विनोद अहिरवार है उसने मामूली कहासुनी के चलते जनपद सदस्य को एससी एसटी के तहत मिलने वाले अधिकारों का हवाला देते हुए अपने पैर छुने पर मजबूर कर दिया।
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दरअसल, विनोद अहिरवार ने जनपद सदस्य को ये धमकी दी कि अगर वो माफी नहीं मांगेगा तो SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज करवा कर वो उसे जेल भिजवा देगा। ऐसे में जनपद सदस्य को ना चाहते हुए भी पटवारी से माफ़ी तो मांगनी ही पड़ी साथ ही में पैर भी छूने पड़े। आपके सामने जो तस्वीर है आप उसमें देख सकते हैं पटवारी ने अपनी सारी हाडे पार कर दी।
इस पटवारी ने अपने पद के साथ साथ अधिकारों का फायदा तो उठाया ही साथ ही में जनपद सदस्य से पैर पड़वा कर उसकी पीठ पर लात भी रख दी। इतना ही नहीं इसकी तस्वीर भी उन्होंने खिंचवाई। उसके बाद इस फोटो को खुद पटवारी ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल कर दिया। हालांकि अभी पटवारी को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। लेकिन क्या इसके लिए सिर्फ सस्पेंड करना ही सही है?
पटवारी का तर्क –
पटवारी का इस मामले को लेकर कहना है कि मैं 2 अक्टूबर के दिन मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत पंचायत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से योजना के बारे में चर्चा कर रहा था उस वक्त जनपद सदस्य ने आकर मेरे साथ गलत व्यव्हार किया साथ ही मुझसे कुर्सी छोड़ कर यहाँ से जाने की बात कही। पटवारी ने आगे बताया कि उन्होंने शासकीय काम में बाधा डाली थी।
इस वजह से मैंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसके बाद सोमवार के दिन जनपद सदय कुछ लोगों के साथ मेरे घर पर आए। ऐसे में जनपद सदस्य को धक्का दे कर गिरा दिया गया जिसकी वजह से वो मेरे पैर के वह गिर गए। जैसे ही मैंने उन्हें उठाया लोगों ने फोटो खींच ली। इस तरह के षड्यंत्र में मुझे फंसाया जा रहा है। पीठ पर पैर रखकर फोटो खींचने का आरोप गलत है।