Tue, Dec 30, 2025

मुख्यमंत्री की योजनाओं पर पानी फेर रहे नेता अफसर, भृष्टाचार की सड़क ने ली पेड़ों की जान

Written by:Atul Saxena
Published:
मुख्यमंत्री की योजनाओं पर पानी फेर रहे नेता अफसर, भृष्टाचार की सड़क ने ली पेड़ों की जान

मुरैना, नितेंद्र शर्मा। पर्यावरण संतुलन (Environmental Balance) को बचाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) पिछले लम्बे समय से काम कर रहे हैं।  कुछ महीनों से तो उन्होंने रोज एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है जिसे वे पूरा भी कर रहे हैं। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर अंकुर योजना की भी शुरुआत भी कल शनिवार को ही की है लेकिन उनके ही सरकार के नुमाइंदे जन प्रतिनिधियों से साथ मिलकर ना सिर्फ मुख्यमंत्री की मंशा और योजनाओं पर पानी फेर रहे हैं बल्कि बेख़ौफ़ भृष्टाचार भी कर रहे हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर जहाँ शनिवार को दुनिया के लोगों ने वृक्षों को बचाने के संकल्प के साथ पौध रोपण किया वहीँ मध्यप्रदेश (MP) का एक जिला ऐसा भी था जहाँ एक पंचायत के सरपंच और सचिव मिलकर पेड़ों की जान ले रहे थे। हालाँकि ये सिलसिला कई दिनों से जारी हैं।  मामला मुरैना जिले की जनपद पंचायत कैलारस की बाल्हेरा ग्राम पंचायत का है।  जहाँ मनरेगा की सड़क में ना सिर्फ जेसीबी से काम करवाकर मजदूरों की कमाई पर डाका डालकर भृष्टाचार किया जा रहा है वहीँ सड़क निर्माण में बाधक बन रहे हरे भरे वर्षों पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत भी सीएम हेल्प लाइन (CM Helpline) से लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक की गई है लेकिन नतीजा जीरो ही है।

जनपद पंचायत कैलारस की ग्राम पंचायत बाल्हेरा में चल रहे भृष्टाचार और पेड़ों को अवैध रूप से काटने के खेल को क्षेत्र का एक जागरूक ग्रामीण धर्म सिंह यादव सहन नहीं कर पाया और उसने इसकी शिकायत की। धर्म सिंह के मुताबिक सरपंच लज्जाराम बघेल और ग्राम सचिव सोबरन बघेल द्वारा मनरेगा का कार्य जेसीबी से कराया जा रहा है। सबरजीत के पुरा से नहर तक रोड डाली जा रही है  जिसमें बड़े बड़े हरे पेड़ों को काटा जा रहा है अभी तक कई पेड़ चुके हैं और पूरे सड़क निर्माण में 100 से ज्यादा हरे-भरे पेड़ काट दिए जायेंगे।

शिकायतकर्ता धर्म सिंह यादव भी उसी गांव के रहने वाले हैं उनका दावा है कि पेड़ों की अवैध कटाई के दौरान उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों को फोन लगाएं परंतु किसी का भी फोन रिसीव नहीं हुआ। धर्म सिंह ने दावा किया कि उन्होंने फॉरेस्ट रेंजर दीपमाला शिवहरे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी ईश्वरचंद्र वर्मा व एसडीएम अंकिता ठाकरे को भी फोन किये लेकिन फोन रिसीव नहीं हुए । हद तो तब हो गई जब  शिकायत का पता चलने के बाद  सरपंच व सचिव ने शिकायतकर्ता को धमकी भरे शब्दों में कहा हम सब देख लेंगे।  धर्म सिंह यादव ने आरोप लगाया कि सचिव और सरपंच खुले आम कहते हैं कि पैसे स कुछ भी किया जा सकता है। उधर इस बारे में जब एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है हम दिखवा लेंगे।

बहरहाल एक तरफ सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हरियाली महोत्सव मनाते हैं, प्रदेश को हरा भरा रखने के लिए अंकुर योजना शुरू करते हैं, रोज एक पौधा लगाने का अपना संकल्प नियमित निभाते हैं वहीं दूसरी ओर सरकारी मुलाजिम आंखें मूंदे मानव जीवन को सीचने वाले इन पेड़ों को बेख़ौफ़ काट रहे हैं । शायद भृष्टाचार में लिप्त सरकारी मुलाजिमों ने कोरोना महामारी से कुछ सबक नहीं सीखा।  शायद ऑक्सीजन के लिए लम्बी लम्बी लाइने देखकर भी इनकी आँखों पर पट्टी बंधी है तभी तो ऑक्सीजन यानि हमारी साँस देने वाले पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाते इनके हाथ नहीं कांपते।