ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से आरोपियों को जमानत दिलवाने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने रैकेट के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं। रैकेट का मास्टर माइंड 70 वर्षीय आरोपी है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में ऋण पुस्तिकाएं, फर्जी सील सहित अन्य दस्तावेज बरामद किये हैं। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी और फर्जी जमानतों को निरस्त करने के लिए न्यायालय से अनुरोध करेगी।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने रैकेट का पर्दाफाश करते हुए उसके कब्जे से 75 ऋण पुस्तिकाएं, तहसीलदार, पटवारी, आरआई, एसडीएम की 32 सीलें, 9 ऋण पुस्तिकाएं जिनपर जमानत स्वीकृत हुई है, बरामद की है। इनका जाल ग्वालियर सहित आसपास के जिलों में भी फैला था। सूचना पर क्राइम ब्रांच को अलर्ट किया गया। जिसने इस रैकेट का पर्दाफाश कर दिया।
एसपी अमित सांघी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि सूचना मिली थी कि विभिन्न न्यायालयों और कार्यों में जमानत की आवश्यकता होती है उसके लिए एक गैंग काम कर रहा है। एडिशनल एसपी क्राइम, डीएसपी क्राइम, इंदरगंज थाना टीआई को सूचना के बाद एक्टिव किया गया। टीम ने मेहनत कर रैकेट के तीन आरोपी गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में एक 70 वर्षीय आरोपी रैकेट का मास्टर माइंड है। इनके कब्जे से बड़ी संख्या में सीलें, खाली ऋण पुस्तिकाएं, ऐसी ऋण पुस्तिकाएं जिसपर न्यायालय से जमानत दी जा चुकी है बरामद हुई हैं, एक प्रिंटर बरामद हुआ है जिससे ये फर्जी दस्तावेज बनाते थे।
एसपी ने बताया कि आरोपियों से जो सीलें मिली हैं उनमें तहसीलदार, पटवारी, आरआई, एसडीएम की सीलें हैं जो ग्वालियर और आसपास के जिलों की हैं। आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि जो क्रिमिनल केस चलते थे उसका पता लगाकर ये आरोपी की जमानत के लिए फर्जी ऋण पुस्तिकाओं का उपयोग कर जमानत दिलवा देते थे।
एसपी अमित सांघी ने कहा कि आरोपियों को रिमांड पर लेंगे और पता लगाने का प्रयास करेंगे कि अब तक इन लोगों ने कितने केस में फर्जी जमानत दिलवाई है। हम ये प्रयास करेंगे कि यदि केसेस की पूरी जानकारी मिल जाती है तो हम आवेदन देकर न्यायालय से उन जमानतों को निरस्त भी करवाएंगे।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....