रायसेन। दिनेश यादव।
चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में बैठक आयोजित कर शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की। मंत्री डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ ने विश्वविद्यालय में क्लास रूम, अकादमिक भवन, प्रशासनिक भवन आदि का निरीक्षण किया तथा पीएचडी के छात्रों से भेंट भी की। उन्होंने मास्टर प्लान, भवन निर्माण पर प्रस्तुतिकरण देखा। साथ ही विश्वविद्यालय भवन निर्माण के प्रथम चरण के प्लान और बजट के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने प्रस्तावित विवि परिसर को बौद्ध एवं भारतीय वास्तु सिद्धांतों का उपयोग करने का भी सुझाव दिया। संस्कृति मंत्री डॉ. साधौ ने विवि स्टॉफ को संबोधित करते हुए कहा कि सार्क देशों और दक्षिण एशियाई देशों के विद्यार्थियों को केंद्रित कर ऐसे पाठ्यक्रम और सुविधाएं विकसित करें कि इन देशों के अधिक से अधिक छात्र सांची विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए आकर्षित हों। इस प्रक्रिया में सार्क देशों से भारत के सांस्कृतिक रिश्ते भी और अधिक मज़बूत होंगे। उन्होंने कहा कि वे सांची विवि को बौद्ध अध्ययन का विश्व शिक्षा केंद्र बनाने हेतु प्रयासरत हैं।
मंत्री डॉ. साधौ ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों से कहा कि वे देश के अन्य बौद्ध विश्वविद्यालयों तथा नालंदा विवि, नवनालंदा महाविहार विवि के प्राध्यापको को सांची विश्वविद्यालय में लेक्चरों के लिए आमंत्रित कर उनके अनुभव का लाभ उठाएं। डॉ. साधौ ने विश्वविद्यालय में बौद्ध तथा भारतीय दर्शन पर आधारित अधिक से अधिक कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने के लिए कहा ताकि अन्य बौद्ध देशों के छात्र सांची विश्वविद्यालय पहुंचें और विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों की ओर आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि अन्य विदेशी और भारत के विश्वविद्यालयों से बातचीत कर छात्रों के आदान-प्रदान (एक्सचेंज प्रोग्राम) पर भी कार्य करना चाहिए। डॉ. साधौ ने संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं सांची विश्वविद्यालय के कुलपति पंकज राग तथा कुलसचिव अदिति कुमार त्रिपाठी सहित प्राध्यापकों एवं अधिकारियों के साथ बैठक की।