जिंदगी की जंग हारी बोरवेल में गिरी 5 साल की माही, सीएम शिवराज ने की परिवार को 4 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा

Rajgarh Borewell Accident: मध्य प्रदेश से एक बार फिर मासूम बच्ची की बोरवेल में गिरने की दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। राजगढ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील के पिपल्या रसोड़ा गांव में 5 साल की मासूम बोरवेल में फंसी जिसके बाद चारों ओर अफरा- तफरी का माहौल बन गया। घटना की जानकारी तुरंत प्रशासन को दी गई। जिसके बाद बोरवेल में फंसी मासूम बच्ची को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने लगभग 9 से 10 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मंगलवार और बुधवार की बीती रात 3 बजे के लगभग बाहर निकाला।

जानकारी के मुताबिक 5 वर्ष की मासूम बच्ची का नाम माही बताया जा रहा है। वह अपने नाना के साथ खेत पर गई थी। जहां वह अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी, खेत में खुला बोरवेल था। खेलते खेलते माही बोरवेल के लगभग 25 से 30 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई। इस घटना की सूचना ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को दी। जिसके बाद मौके पर राजगढ़ की एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम पहुंची। बच्ची को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। मासूम बच्ची को ऑक्सीजन पहुंचाने के साथ कैमरा डालकर उसकी गतिविधियों पर भी नजर डाली गई।

 

नहीं बच सकी मासूम माही की जान

करीब 10 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद माही को बोरवेल के 30 फीट गड्ढे से बाहर तो निकाल लिया गया। लेकिन मासूम बच्ची की हालत बहुत नाजुक हो गई, इसके बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत भोपाल की हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया। जहां उसकी जान नहीं बच सकी। बुधवार सुबह करीब 6 बजे माही ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि गले में सूजन और सांस लेने में तकलीफ के चलते माही ज्यादा देर तक सरवाइव नहीं कर सकी।

CM शिवराज ने ट्वीट कर जताया दुख

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर 5 साल की मासूम माही की मौत पर दुख जताते हुए लिखा, राजगढ़ जिले के पिपलिया रसोड़ा में मासूम बच्ची के बोरवेल में गिरने के पश्चात आज भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान उसके निधन का समाचार अत्यधिक पीड़ा देने वाला है। उन्होंने आगे कहा, मासूम बच्चों के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है इस दुख की घड़ी में हम सब बच्चों के परिजनों के साथ है एवं बच्चों के परिवार को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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