राजगढ़। मनीष सोनी।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग का अमानवीय चेहरा सामने आया है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से एक बार फिर एक नवजात बच्चा कुत्ते का निवाला बन से बच गया । यहां एक नवजात बच्चे को मुर्दा जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के पीछे फेंक दिया गया था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब कुत्ता नवजात को अपने मुंह मे दबोचे अस्पताल के ट्रामा सेंटर परिसर में ग़ुम रहा था , तभी अस्पताल परिसर में खड़े तबरेज खान व अन्य लोगो ने दौड़ कर कुत्ते के मुंह से नवजात को छुड़वाया , हालांकि नवजात बच्चा मृत था ,कुत्ते के मुंह मे जैसे ही लोगों ने नवजात बच्चा देखा अस्पताल में हड़कंप मच गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर योगेंद्र यादव ने बताया कि ये बच्चा मंडावर निवासी भगवती बाई का है,ओर इस बच्चे को नरसिंहगढ़ से सीरियस कंडीशन में राजगढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया था जहां कल देर रात उस बच्चे की मौत हो गई जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया था ।
महिला के परिजनों ने नवजात को दफनाए भी नही और राजगढ़ के जिला अस्पताल के पीछे फेंक दिया था जहां से यह कुत्ता बच्चे के शव को मुंह में दबोच कर अस्पताल परिसर में घूम रहा था । वही इस मामले में जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आर एस माथुर का कहना है कि पुणे सिविल सर्जन के द्वारा सूचना मिली थी कि इस बच्चे का पीएम करना है और उन्होंने बताया कि कल राजगढ़ के जिला अस्पताल एसएचओ में यह बच्चा भर्ती हुआ था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई मृतक बच्चे को अस्पताल में परिजन को सौंप दिया था लेकिन डॉक्टर ने यह भी बताया कि जिला अस्पताल में पिछले 5 माह से शव वाहन बंद है और ऐसे मामले पहले भी सामने आ चुके हैं खासकर मृत्यु के केस में सामाजिक पहलू दिखाना चाहिए और दाह संस्कार करना चाहिए