MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

MP का अनोखा मंदिर: जहां श्रीराम के साथ होती है रावण की भी पूजा, जानें क्यों होती है यहां ये अनोखी परंपरा

Written by:Bhawna Choubey
Published:
इंदौर के पास स्थित "राम का निराला धाम" मंदिर अपनी अनोखी मान्यता के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। यहां भगवान श्रीराम के साथ रावण की भी पूजा होती है। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसकी विशेषता जानकर हर भक्त चौंक जाता है।
MP का अनोखा मंदिर: जहां श्रीराम के साथ होती है रावण की भी पूजा, जानें क्यों होती है यहां ये अनोखी परंपरा

आपने अब तक राम मंदिरों में सिर्फ श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की पूजा होते देखी होगी। लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान राम के साथ रावण की भी पूजा की जाती है। जी हां, यह मंदिर है राम का निराला धाम, जो अपनी खास परंपराओं और अनोखे पूजा-पाठ के लिए पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

यह मंदिर न सिर्फ स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है, बल्कि देशभर से और यहां तक कि विदेशों से भी भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर की कहानी, परंपरा और वो खास वजह जो इसे भारत के अन्य मंदिरों से अलग बनाती है।

क्यों खास है इंदौर का ‘राम का निराला धाम’?

रावण की पूजा

इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां श्रीराम के साथ रावण की भी पूजा होती है। आमतौर पर रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस मंदिर में रावण को एक ज्ञानी ब्राह्मण और शिवभक्त के रूप में सम्मान दिया जाता है। मंदिर प्रशासन का मानना है कि रावण विद्वान था और उसे केवल एक पक्ष से देखने की बजाय उसके गुणों को भी स्वीकार करना चाहिए।

मंदिर की स्थापना और इतिहास

राम का निराला धाम मंदिर की स्थापना श्री प्रभाकर दास महाराज द्वारा की गई थी। उन्होंने रामायण की कथाओं को अलग दृष्टिकोण से देखा और यह मंदिर बनवाया। यह मंदिर इंदौर के पास खंडवा रोड पर स्थित है। यहां हर वर्ष रामनवमी और दशहरे पर विशेष आयोजन होते हैं, जिनमें रावण का पूजन भी किया जाता है।

भक्तों की आस्था और अनुभव

यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में आने से उन्हें आध्यात्मिक शांति मिलती है। खास बात ये है कि मंदिर का वातावरण पूरी तरह शांत, अनुशासित और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा होता है। यहां केवल हिन्दू ही नहीं, बल्कि कई विदेशी श्रद्धालु भी दर्शन करने पहुंचते हैं और भारतीय संस्कृति की विविधता को नजदीक से महसूस करते हैं।