रतलाम।
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त की लगातार कार्रवाई के बावजूद शासकीय अधिकारी कर्मचारियों में रिश्वत का मोह ख़त्म नहीं हो रहा है| ताजा मामला प्रदेश के रतलाम से सामने आया है जहां सहकारी दुग्ध संघ के प्लांट के मैनेजर और सुपरवाइजर लोकायुक्त के शिकंजे में फंसे हैं| लोकायुक्त की टीम ने दोनों को रिश्वत लेते रंगेहाथों दबोचा है|
जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त टीम ने उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ के रतलाम प्लांट के प्रबंधक लाल वीरम एवं प्लांट के सुपरवाइजर सौरभ जैन को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है| आरोप है कि इन्होने संयंत्र में लगे लोडिंग वाहनों के डीजल के बिल पास करने एवज में रिश्वत की मांग की थी| जिसकी शिकायत फरियादी रमित पिता चंद्रशेखर जैन ने लोकायुक्त टीम को की गई थी| शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त की टीम ने योजना बनाकर प्रबंधक लाल वीरम एवं प्लांट के सुपरवाइजर सौरभ जैन को रंगेहाथों धर लिया|
शिकायतकर्ता रमित पिता चंद्रशेखर जैन के 2 पिकअप वाहन संयंत्र में कॉन्ट्रेक्ट पर अटैच हैं। वे वितरक हैं और उसका काम संयंत्र से दूध लेकर शहर में स्थित केंद्रों पर वितरित करना है। पिछले 6 माह से उनके दोनों वाहनों का 1 लाख 38 हजार रुपए का बिल बकाया है। इस बिल को पास कराने के लिए जब शिकायतकर्ता ने मैनेजर गणपतलाल वीरम से संपर्क किया तो उन्होंने 10 हजार रुपए की मांग की। रिश्वत की मांग पर शिकायत करता ने लोकायुक्त से संपर्क किया| जिसके बाद गुरूवार को लोकायुक्त की टीम ने मैनेजर और सुपरवाइजर को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया।