हौंसले की मिसाल हैं जादुई हाथों वाली बबली गंभीर, सोमवार शाम फेसबुक लाइव पर रूबरू मिलिये

रतलाम, सुशील खरे। आज हम आपको मिलाते हैं एक ऐसी महिला से, जिनके हौंसलों की कहानी किसी के लिए भी एक मिसाल हो सकती है। ये हैं रतलाम के जावरा की रहने वाली बबली गंभीर। बबली का जब जन्म हुआ तो उनके हाथ असामान्य थे। छोटे-छोटे हाथों में से एक में तीन और दूसरे में सिर्फ ढाई उंगलियां थी। जन्म के साथ ही जब लोगों ने ये देखा तो सभी सकते में आ गए, कई लोगों ने तो ये तक कहा कि एक तो बेटी उसपर से इस तरह की असामान्य स्थिति, उनके लिए जीवन बेहद कठिन होने वाला है। लेकिन इस कठिनाई के साथ ही एक जज्बे का भी जन्म हो चुका था।

बबली को उनके पिता ने बेहद प्यार से संभाला, मां ने जीवन की कठिनाईयों से उबरना सिखाया और बहनों ने कदम कदम पर साथ दिया। 8 भाई बहनों में बबली सबसे छोटी थी। इंग्लिश लिटरेचर में एमए करने के बाद बबली ने ब्यूूटिशियन का कोर्स किया और आज वे बहुत ही सफल ब्यूटिशिनय हैं। पिछले 25 साल से वो अपना ब्यूटी पार्लर चला रही हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार, राष्ट्रीय उत्कृष्ट सृजनशील वयस्क पुरस्कार सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। आज स्थिति ये है कि जिन हाथों के लिए उन्हें कभी लोगों के उलाहनों का सामना करना पड़ता था, उन्हीं जादुई हाथों से वो दूसरों को खूबसूरत बना रही हैं। ब्यूटी पार्लर चलाने के साथ वे इंटीरियर डिजाइनर और पेंटर भी है। इसी के साथ वह बहुत अच्छा ढोलक भी बजाती है, सिलाई-कढ़ाई करते हुए गाड़ी भी चलाती हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।