पटवारी ने किसान से इस एवज मांगी थी घूस, लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।

Amit Sengar
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Lokayukta Action : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस के निर्देश दिए हैं, इसके बावजूद कुछ रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिम घूसखोरी से बाज नहीं आ रहे, इसके बाद भी सरकारी अधिकारी कर्मचारियों में भय नहीं है, ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से सामने आ रहा है, जहाँ आज एक बार फिर लोकायुक्त उज्जैन पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

उज्जैन लोकायुक्त पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, फरियादी गोपाल उपाध्याय निवासी पंचेड ने एक शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यलय में दिया था। जिसमें लिखा था कि 15 नवंबर को पटवारी रमेश चंद्र बैरागी द्वारा जमीन की सीमांकन किया गया था जिसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पटवारी ने 50,000 की रिश्वत की मांग की गई। वहीं 05 दिसंबर 2024 को 40 हजार रुपये व शेष 10 हजार बाद में देना तय हुआ था।

रिश्वत (Bribe) लेते पटवारी रंगे हाथ गिरफ्तार

शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने इसकी जांच की और सत्यता प्रमाणित होने पर एक ट्रैप दल बनाया, आज निर्धारित समय पर आवेदक ने पटवारी को जैसे 40 हजार रुपये दिए। वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्टाचारी पटवारी को रंगे हाथों पकड़ा लिया। इस पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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