कांग्रेस के वादे के मुताबिक इन दिनों प्रदेश में किसान कर्जमाफी की प्रक्रिया चल रही है, रोज लाखों किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है। हालांकि कर्जमाफी मे कई गड़बड़ियां भी सामने आ रही है, लिस्ट में कई ऐसे नाम शामिल है जिन्होंने कर्ज लिया ही नही और कई ऐसे है जिन्होंने लिया लेकिन उनका नाम लिस्ट में है नही। ताजा मामला रतलाम से सामने आया है यहां कर्जमाफी में अपना नाम ना होने पर एक किसान ने जहर खा लिया। गनिमत रही कि परिजनों ने उसे समय रहते अस्पताल में भर्ती करवाया दिया। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार कमल पिता मोहनलाल (31) निवासी ग्राम बड़ावदा ने पिछले साल सोसायटी से 27 हजार रुपए कर्ज लिया था। सरकार के कर्जमाफी के ऐलान के बाद वह खुश था और 22 फरवरी को नामली में हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा था। कमल को उम्मीद थी कि रतलाम के कर्जदार किसानो में उसका भी नाम होगा और उसका कर्ज माफ हो जाएगा। लेकिन जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नामों का ऐलान किया तो उसमें कमल का नाम नही ।
इससे वो हताश हो गया और जैसे ही घर लौटने को हुआ उसकी किसी ने जेब काट दी। जेब में 20 हजार रुपए रखे हुए थे। कमल मिस्त्री का काम करता है। मकान बनाने के बदले उसे 20 हजार रुपए मिले थे जो उसने पर्स में रखे थे।इससे आहत होकर उसने जहर पी लिया। परिजनों ने आनन-फानन में उसे अस्पताल भर्ती करवाया।परिजनों के अनुसार उनके पूरे परिवार के पास तीन बीघा जमीन है और इस किसान पर सोसायटी का 21 हजार रूपए का कर्जा भी है। फिलहाल किसान की हालत खतरे से बाहर है। वही जिला अस्पताल में पुलिस ने बयान लेकर नायब तहसीलदार के समक्ष भी उसके मरणासन्ना कथन कराए गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि बीते 22 फरवरी को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तलाम जिले के नामली से जय किसान फसल ऋण माफी योजना का शुभारंभ किया था।इस दौरान प्रथम चरण में रतलाम जिले के 40 हजार से भी ज्यादा किसानों के 134 करोड़ रुपये से अधिक राशि का कर्ज माफ किया गया। रतलाम तहसील के 9.5 हजार से ज्यादा किसानों के 41 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए गए। सरकार के मुताबिक योजना के अंतर्गत प्रदेश में लाभार्थी किसानों की कुल संख्या करीब 25 लाख 49 हजार 451 है, जिनके बैंक खाते में एक मार्च 2019 तक राशि भेजी जाएगी।