Ratlam Train Fire: रतलाम-इंदौर डेमू ट्रेन में लगी भीषण आग, धू-धू कर जल गई दो बोगियां, सभी यात्री सुरक्षित

Ratlam Train Fire: मध्यप्रदेश में रेल हादसों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही शहडोल में तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई थी। जिसमें लॉको पायलट समेत कुछ यात्रियों ने अपनी जान गवां दी थी। रविवार यानि आज रतलाम से इंदौर जा रही डेमू ट्रेन में भीषण आग लग गई है। भीलवाड़ा-डॉ. अम्बेडकर डेमू ट्रेन की 2 बोगियाँ आग की चपेट में आ गई। आग की लपटे आसमान छूते नजर आई। इस घटना ने आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। घटना का कारण अभी भी अज्ञात है। राहत की बात यह है कि किसी प्रकार की जनहानी नहीं हुई है। सभी यात्री सुरक्षित बाहर निकाले जा चुके हैं।

23 अप्रैल को सुबह 6:25 बजे भीलवाड़ा-डॉ. अम्बेडकर डेमू ट्रेन रतलाम से रवाना हुई थी। 7 बजे प्रीतम नगर रेलवे स्टेशन पर पहुंची, जहां यात्रियों ने ड्राइविंग मोटर कोच से धुआँ उठते देखा और जान बचाने के लिए यात्री स्टेशन पर ही ट्रेन से नीचे उतर गए। धीरे-धीरे आग इंजन के हिस्से वाली बोगी और इसके अलग वाली बोगी में फैल गई। रिपोर्ट के मुताबिक आग इंजन के लगे हुए जनरेटर में लगी थी। मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और दो घंटों में ही आग पर काबू पा लिया गया।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"