रतलाम| सुशील खरे| 11वीं की छात्रा को 31 जुलाई तक फीस जमा नहीं होने पर मोबाइल फोन पर ही स्कूल से निकाले जाने की धमकी देने की जानकारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) को मिली तो संगठन के पदाधिकारी भड़क गए। वे दोपहर में 80 फीट रोड स्थित साईंश्री अकादमी जा धमके और चैनल गेट पर ताला जड़़कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। अचानक हुए घटनाक्रम की सूचना मिलने के बाद स्टेशन रोड पुलिस थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर दीपक मंडलोई सहित पुलिस अमला मौके पर पहुंचा। इसी बीच विद्यालय की प्राचार्य श्वेता विंचुरकर और डायरेक्टर राकेश देसाई भी स्कूल पहुंचे। परिषद के छात्र नेताओं की इनके साथ जमकर बहस हुई। आखिर में स्कूल प्रबंधन ने गलती मानी और कहा कि दोबारा ऐसा नहीं होगा तब जाकर विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता माने। छात्र नेताओं ने डीईओ केसी शर्मा की शिकायत शिक्षा मंत्री के साथ ही संभागायुक्त से भी की है।
धमकी भरा आडियो हुआ वायरल
साईंश्री अकादमी में पढऩे वाली 11वीं एक छात्रा को स्कूल की तरफ से मोबाइल फोन किया गया। इसमें धमकी दी गई कि फीस नही भरी तो स्कूल से निकाल दिया जाएगा। स्कूल से निकाले जाने व फीस जमा करने का दबाव बनाने का आडियो वायरल होने के बाद यह आडियो अभाविप पदाधिकारियों तक पहुंचा तो संगठन के छात्र नेता एकत्रित हुए और सभी साईँश्री अकादमी जा धमके। परिषद के जिला संयोजक शुभम चौहान ने बताया कि आडियो में साफतौर पर फीस जमा नहीं होने पर स्कूल से नाम काटकर भगाने की धमकी दी गई थी। इसके बाद वे अन्य पदाधिकारियों के साथ 80 फीट रोड स्थित साईंश्री अकादमी स्कूल पहुंचे और हंगामा कर दिया। यहां स्कूल प्रबंधन भी मौके पर पहुंचा लेकिन जब तक माफी नहीं मामंग ली उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ। करीब दो घंटे तक पूरा घटनाक्रम चलता रहा।
चैनल गेट पर ही सुनाई खरीखोटी
विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी चैनल गेट पर ताला जडऩे के बाद वहीं पर धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों को वहां से हटाने के लिए औद्योगिक थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर दीपक मंडलोई पुलिस बल के साथ स्कूल पहुंचे। जिला संयोजक चौहान से उनकी तीखी बहस हुई। परिषद के कार्यकर्ता करवाई की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद स्कूल प्रबंधक राकेश देसाई ओर प्राचार्य श्वेता विंचुरकर स्कूल पहुंचे। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और स्कूल प्रबंधन के बीच भी जमकर बहस हुई। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अड़े हुए थे कि स्कूल प्रबंधन माफीनामा लिख कर दें। उसके बाद स्कूल प्रबंध्न ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा है कि आगे से ऐसी गलती स्कूल की तरफ से नहीं होगी। आगे से कोई गलती होती है तो इसकी जिम्मेदारी स्कूल की होगी।
संकुल प्राचार्यों को निर्देश जारी
सभी संकुल प्राचार्यों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने अधिनस्थ निजी स्कूलों की फीस लेने की प्रक्रिया और पढ़ाई के बारे में प्रतिवेदन दे कि वहां पढ़ाई हो रही है या नहीं। इसी प्रतिवेदन के आधार पर स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी
-केसी शर्मा, डीईओ, रतलाम
माफी मांगने का सवाल ही नहीं है। उन्हें बताया गया कि 11वीं का एनरोलमेंट करना होता है जिसकी समय सीमा तय है। बच्चे कई जगह प्रवेश ले लेते हैं और वहां भी उनका एनरोलमेंट हो जाता है तो बाद में दिक्कत खड़़ी हो जाती है। किसी अ्भिभावक को आर्थिक समस्या है तो वह लिखकर दे देवें कि यहीं एडमिशन कराएंगे तो कोई परेशानी नहीं है। इसके अलावा किसी अन्य कक्षा के किसी विद्यार्थी को कोई फोन नहीं लगाया है।
राकेश देसाई, डायरेक्टर साईंश्री अकादमी, रतलाम