MP Teacher Recruitment 2023-24: मध्य प्रदेश वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में चयनित उम्मीदवारों के लिए राहत भरी खबर है। उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 के 3198 उम्मीदवारों की जॉइनिंग का रास्ता साफ हो गया है।एमपी हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सशर्त अनुमति दे दी है।संभावना है कि अगली सुनवाई से पहले विभाग डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन और च्वाइस फीलिंग कर चुके चयनित शिक्षकों को ज्वाइनिंग लेटर जारी कर सकता है।
हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिए है कि साल 2023 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जारी रखें। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने कहा कि ये नियुक्तियां इस अपील के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी। 2018 के 848 EWS पदों को 2023 के लिए कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता है, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, ऐसे में 2023 की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस दौरान HC ने सरकार के उस रवैये पर नाराजगी जताई, जिसके तहत EWS आरक्षण को पूर्ववर्ती प्रभाव से लागू कर दिया गया. मामले पर अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
ये है पूरा मामला
- दरअसल,एमपी स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग-1 की नियुक्ति के लिये परीक्षा कराकर भर्ती की,इसके बाद 29 सितंबर 2022 को नियोजन प्रक्रिया को नई भर्ती बताकर ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों की नियुक्ति रोक दी गई,जबकि इस भर्ती को भी वर्ष 2018 के परीक्षा परिणाम के आधार पर किया गया थाा, ऐसे में 848 EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति अटक गई थी, जिसके बाद इस मामले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया ।
- उम्मीदवारों का कहना था कि जब नोटिफिकेशन में EWS का प्रावधान नहीं है तो नियुक्ति में भी EWS का प्रावधान नहीं होना चाहिए।
- इसी बीच शासन ने 2023 में नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने आदेश दिया था कि पहले 2018 के रिक्त पदों को भरें और उसके बाद 2023 की भर्ती प्रक्रिया कराएं।
- फरवरी 2024 को जस्टिस विवेक अग्रवाल और उसके बाद जस्टिस विशाल धगत की सिंगल बेंच ने आदेश दिया कि वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2018 के 848 EWS उम्मीदवारों को जब तक ज्वाइनिंग नहीं दी जाती तब तक नई भर्ती पर रोक रहेगी। इसके लिए विभाग को 45 दिन का वक्त दिया गया था।
- विभाग ने इसे डबल बेंच में चैलेंज किया था, जहां अब तक नई भर्ती पर रोक बरकरार रही, लेकिन 15 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने ज्वाइनिंग लेटर जारी करने पर लगी रोक को हटा दी है लेकिन कुछ शर्त निर्धारित की है।