Rewa Regional Industry Conclave 5th Edition : सीएम डॉ. मोहन यादव ने आज दीप प्रज्वलन करते हुए रीवा में 5वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया। कृष्णा राज कपूर सभागार में आयोजित इस कॉन्क्लेव में 4,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं, जिसमें प्रमुख निवेशक और 3,000 एमएसएमई उद्यमी शामिल हैं। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र को औद्योगिक अवसरों का केंद्र बनाना है, जिससे निवेश को आकर्षित किया जा सके।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया है, जिससे प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। आज हो रहे पांचवें इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का केंद्र ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्र-संस्करण, पर्यटन और हस्तशिल्प जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना है। इस कॉन्क्लेव में प्रेजेंटेशन, राउंडटेबल और सेक्टोरल सत्र हैं, जिनमें नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा पर विशेष चर्चा हो रही है।
रीवा में 5वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में इससे पहले चार प्रमुख इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन हो चुका है। इनमें पहला इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन में आयोजित किया गया था, जिसमें कई बड़े उद्योगपतियों और निवेशकों ने भाग लिया। दूसरा कॉन्क्लेव जबलपुर में हुआ, जहां विभिन्न उद्योगों के लिए निवेश के अवसरों पर चर्चा की गई। तीसरा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ग्वालियर आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भाग लिया और हाल ही में 27 सितंबर को सागर में चौथा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश के साढ़े चार हजार से अधिक उद्योगपति शामिल हुए थे। मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से अब पांचवां रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव रीवा में हो रहा है।
CS अनुराग जैन ने उद्योगपतियों/निवेशकों को दिया न्योता
कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया अनुराग जैन ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनियाभर में भारत एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है..हम मध्य प्रदेश को निवेश के लिए आप सबको आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ बड़े उद्योगपतियों ही टार्गेट नहीं कर रहे हैं बल्कि एमएसएमई को भी बढ़ावा दे रहे है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग देश की औद्योगिक व्यवस्था की रीढ़ है। देश का जितना एक्सपोर्ट होता है, उसका 45 प्रतिशत एमएसएमई करते हैं। इसीलिए MSME को बढ़ावा देना सीएम मोहन यादव और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। वहीं प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे यहां सवा लाख एकड़ से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हमारे यहां उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कुछ सेक्टर्स में हमारी पॉलिसी है कि देश में सर्वश्रेष्ठ हैं। हम निवेशकों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने के लिए तत्पर हैं। यहां Ease of doing business है।
मध्य प्रदेश को औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की पहल
यह कॉन्क्लेव न सिर्फ विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश को एक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के लिए जारी किए गए विशेष आमंत्रण के साथ, यह सम्मेलन राज्य के आर्थिक विकास के लिए नए द्वार खोलेगा। इस कॉन्क्लेव में ओडीओपी (एक जिला-एक उत्पाद) और जी-2-सी (सरकार से नागरिक) स्टॉल भी स्थापित किए गए हैं। यहां एमपी इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन, एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन, डायरेक्टोरेट ऑफ़ फ़ॉरेन ट्रेड, कस्टम विभाग, ईसीजीसी लिमिटेड, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट और हस्तशिल्प विकास निगम सहित 16 से अधिक विभाग और संस्थान शामिल हैं।
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— MP Breaking News (@mpbreakingnews) October 23, 2024