रीवा, डेस्क रिपोर्ट। निकाय और पंचायत चुनाव (MP Election) के समाप्त होते ही एक बार फिर से मुख्यमंत्री (CM) की बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इसी बीच अब जिले में कलेक्टर (Collectors) सहित अन्य कर्मचारी भी एक्शन मोड में आ गए हैं। बड़ी कार्रवाई रीवा (Rewa) जिले में की गई है। जहां सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) के मामलों में दिलचस्पी न दिखाने पर कारण बताओ नोटिस (Notice) जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने 28 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जुर्माना लगाने की चेतावनी दे दी है।
सीएम हेल्पलाइन की शिकायत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन निराकरण के अगले स्तर पर शिकायतों का पहुंचना चिंता का विषय बना हुआ है। एक तरफ जहां हर बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को गंभीरता से लेने पर जोर देते हैं। वहीं जिले की ग्रेडिंग प्रभावित होने पर अब कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया है। वही जिला अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर 28 जिला अधिकारियों को प्रति शिकायत 100 रूपए के मान से और अधिकतम 2000 रूपए तक जुर्माना वसूलने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि जुलाई महीने में त्यौंथर से 150 शिकायत प्राप्त हुई है। जिनमें 8 शिकायतों का निराकरण भी नहीं किया गया है। जबकि नईगढ़ी में 203 शिकायतें मिली है। इनमें से 11 शिकायतों का भी निराकरण ढंग से नहीं किया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारी और थाना प्रभारी को भी जद में लिया जा रहा है।
उप निरीक्षक सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए कलेक्टर ने जल्द से जल्द शिकायतों के निराकरण के निर्देश दिए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि हनुमाना के विकास खंड चिकित्सा अधिकारी को 41 शिकायतें प्राप्त हुए। जिनमें से चार शिकायतों का निराकरण किया गया है जबकि जगह में 21 शिकायत प्राप्त हुई है। जिनमें से केवल 2 शिकायतों का निराकरण अब तक हुआ है। इसके अलावा शिक्षा विभाग और नगर पालिका में भी कई शिकायतें दर्ज हुई है। जिसका अब तक निराकरण नहीं किया गया है।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की कनिष्ठ अभियंता को 1040 शिकायत प्राप्त हुई है। जिनमें से महज 25 शिकायतों का निराकरण किया गया है। इसके अलावा विकास खंड शिक्षा अधिकारी कनिष्ठ अभियंता सहायक अभियंता और अन्य को नोटिस जारी करते हुए जल्द से जल्द सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को गंभीरता से लेने और उसका निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जुर्माने की चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि समय सीमा के अंदर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण नहीं किया जाता है तो प्रति शिकायत जिला अधिकारियों को ₹100 और अधिकतम ₹2000 का जुर्माना लगाया जाएगा।