पशुपालन विभाग की तैयारियां पूर्ण
मुख्य आयोजन कलेक्ट्रेट परिसर में किया गया है जिसमें पशु चिकित्सा वाहनों को 17 मई के दिन संबंधित क्षेत्रों के विधायकों के द्वारा अपने-अपने विधानसभा मुख्यालय से ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाने की योजना है। इस कार्यक्रम को राज्य शासन के आदेश पर आयोजित किया गया है। पशुपालन विभाग ने इस कार्यक्रम के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
टोल फ्री नंबर 1962 में मिलेगी मदद
प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन को समय पर उपचार देने के लिए टोल-फ्री नंबर 1962 जारी किया गया है। जब भी किसी पशु पालक को अपने पशु के उपचार की शिकायत होती है, वह इस टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकता है। शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित जनपद क्षेत्र का वाहन आधे घंटे के भीतर पशु पालक के पास पहुंचेगा। इसके लिए पशु पालक को प्रति पशु 150 रुपये का शुल्क देना होगा।
इनको मिलेंगे इतने वाहन
डॉ. राजेश मिश्रा ने यह जानकारी दी है कि रीवा और हनुमना जनपद पंचायत को दो-दो पशु चिकित्सा वाहन प्रदान किए गए हैं। साथ ही, सिरमौर, रायपुर कर्चुलियान, नईगढ़ी, मौगंज, गंगेव, जवा और त्योंथर जनपद पंचायत को एक-एक वाहन प्राप्त होंगे। रीवा में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र दोनों हैं, इसलिए दो वाहनों की आवश्यकता थी। इसी तरह, हनुमना क्षेत्र यूपी के मिर्जापुर बॉर्डर तक फैला हुआ है और यह एक पहाड़ी क्षेत्र है। इसलिए, दो वाहनों से पशुपालकों को तेजी से सेवा मिलेगी।
उपचार के लिए वाहन में होंगे ये उपकरण
- जीपीएस: जीपीएस एक सिस्टम होता है जो सटीक जगह और समय का पता लगाने में मदद करता है। यह सिस्टम लोगों या वाहनों के लिए नेविगेशन और रूट फाइंडिंग में उपयोग किया जाता है।
- स्ट्रीट लाइट: सड़कों और मार्गों को रोशन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लाइट होती है। यह सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होती है ताकि रात में ड्राइवरों को सुरक्षित रहने में मदद मिल सके।
- फ्रिज: फ्रिज या रेफ्रिजरेटर पशुओं के अंग-प्रत्यंग को ठंडा रखने के लिए उपयोग किया जाता है। इससे इन्हें ठंडे स्थान पर रखा जा सकता है जो उनके उपचार में बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- मिनी ऑपरेशन थ्रियेटर: ऑपरेशन थ्रियेटर एक चिकित्सा उपकरण होता है जो छोटे ऑपरेशन जैसे कि कुछ छोटी घावों को सही करने में मदद करता है।
पशु चिकित्सा वाहन में टीम के तीन सदस्य होंगे सम्मिलित