रीवा में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन, विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं के लिए लोगों को किया गया सम्मानित

Sanjucta Pandit
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Rewa News : रीवा में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ जनसम्पर्क और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इस कार्यक्रम का आयोजन पंडित शंभुनाथ शुक्ल की स्मृति में किया गया था। इस दौरान मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर और शंभुनाथ शुक्ल को पंडित चन्द्रकांत शुक्ल राष्ट्रीय पत्रकारिता अलंकरण से विभूषित किया। इसके अलावा, समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं के लिए मेडिकल कालेज के डीन डॉ. मनोज इंदुरकर, मान सिंह, विक्रम सिंह, प्रहलाद सिंह और अधीक्षण यंत्री विद्युत मण्डल आई.के. त्रिपाठी तथा डॉ. विनोद श्रीवास्तव को नागरिक सम्मान प्रदान किया गया।

रीवा में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन, विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं के लिए लोगों को किया गया सम्मानित

हास्य कवि ने श्रोताओं को किया लोटपोट

बता दें कि कार्यक्रम में हास्य कवि शैलेश लोढ़ा ने G-20 के आयोजन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति हमारे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने को लेकर पीछे-पीछे घूमने की बात पर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। साथ ही उन्होंने जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को आने वाले चुनाव में जीत की बधाई देते हुए कहा कि हम चाहते हैं आप अगली बार भी चुनाव जीतें और मंत्री पद ग्रहण करें। आगे शैलेश लोढ़ा ने कहा कि हमने तो पहले ही सबसे कह दिया था, भारत का रहने वाला हूं, भारत की ही बात सुनाता हूं।

रीवा में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन, विभिन्न क्षेत्रों में सेवाओं के लिए लोगों को किया गया सम्मानित

पत्रकारिता की भूमिकाओं पर फरमाया गौर

कवि सम्मेलन के माध्यम से विचारकों और पत्रकारों ने आजादी के अमृत काल के बाद की पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर गौर किया। पद्मश्री से सम्मानित विजयदत्त श्रीधर ने पंडित शंभुनाथ शुक्ल को एक राजनेता और पत्रकार के रूप में याद किया। उन्होंने बताया कि पत्रकारिता के क्षेत्र में जन सरोकार का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए। पत्रकारों की यह जिम्मेदारी है जनता की समस्याओं को वो उजागर करें और उनकी आवाज को सुनें। इसके अलावा, उन्होंने मीडिया के बड़े घरानों से पत्रकारिता को मुक्त करने की बात कही ताकि पत्रकार आजादी और निष्पक्षता से अपना काम कर सके।

स्वतंत्रता संग्राम से जूड़ा है इतिहास

शंभुनाथ शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है, जब पत्रकारों ने अंग्रेजों के खिलाफ लिखने और सत्य को जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके बाद यह देश के विकास, सरकार और प्रशासन की कमियों पर केंद्रित हुई। वहीं, सोशल मीडिया ने पत्रकारिता को पूरी तरह से ही बदल दिया है। बिना संपादक और बिना जिम्मेदारी के यह पत्रकारिता के लिए चुनौतियों को साथ लाया है। अब पत्रकार अकेले ही सारे निर्णय करने की जिम्मेदारी उठाते हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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