बालाघाट, सुनील कोरे । बालाघाट-सिवनी राजमार्ग पर लालबर्रा थाना अंतर्गत परसाटोला में आज 12 नवंबर सुबह लगभग 10 बजे रेत से भरे डंपर और मोटरसाइकिल की टक्कर में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद डंफर क्रमांक एमपी 22 एच 0131 भी अनियंत्रित होकर पलट गया।
हालांकि इसमें डंपर चालक और परिचालक बाल-बाल बच गये, जो घटना के बाद घटनास्थल से फरार हो गया। घटना की जानकारी के बाद घटनास्थल पर लोगों का हुजुम लग गया। जिसकी जानकारी मिलने के बाद लालबर्रा थाना प्रभारी रघुनाथ खातरकर और हमराह स्टॉफ घटनास्थल पहुंचा। जहां से मृतक युवकों के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लालबर्रा लाया गया। जहां शव पंचनामा कार्यवाही कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना के बाद से मृतक युवकों के गांव बनाथर में शोक का माहौल है।
मिली जानकारी अनुसार सिवनी जिले के पांडया छपारा अंतर्गत आने वाला ग्राम बनाथर लालबर्रा का समीपवर्ती क्षेत्र है, जहां के लोग अक्सर काम और खरीदी से लालबर्रा आते है।
12 नवंबर की सुबह भी 19 वर्षीय राहुल पिता शेखलाल नागेश्वर और 18 वर्षीय सुभाष पिता दसेलाल मानेश्वर, मोटरसाइकिल से लालबर्रा पेट्रोलियम पदार्थ लेने आ रहे थे।
इस दौरान परसाटोला में बालाघाट की ओर से जा रहे रेत से भरे डंफर वाहन चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए सामने से रही मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। जिससे मोटरसाइकिल चला रहे चालक साथ बैठे युवक राहुल नागेश्वर और सुभाष मानेश्वर की घटनास्थल में ही मौत हो गई।
इस मामले में लालबर्रा पुलिस ने आरोपी डंपर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया हैं वहीं बनाथर में गांव के दो युवकों की दर्दनाक सड़क हादसे (road accident) में मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है। वहीं घटना को लेकर कंजई ग्राम प्रधान भी दुःख जाहिर किया है। मार्ग पर रेत से भरे डंफरों के बेलगाम भागने से बढ़ रही सड़क दुर्घटना (Road accident) को लेकर लोगों में नाराजगी भी देखी गई।
युवा इंका नेता अधिवक्ता आनंद बिसेन ने इस दुखद दुर्घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए जिला परिवहन कार्यालय और पुलिस प्रषासन से मांग की है कि राज्य मार्ग पर तेजी से बेपरवाह दौड़ने वाले रेत के डंपरों पर उनकी गति में नियंत्रण किया जाये। मार्ग पर कई ऐसे हादसे डंपरों से हो रहे है जो दुःख का विषय है।
About Author
Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।