Mon, Dec 29, 2025

कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग से की सागर कलेक्टर की शिकायत, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी

Written by:Sanjucta Pandit
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कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग से की सागर कलेक्टर की शिकायत, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी

Jabalpur News : सागर जिले के सुरखी विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार खर्च के लिए रेट कम करने का मुद्दा तेजी से तूल पकड़ रहा है। जिसे लेकर जबलपुर में कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। इसके साथ ही उन्होंने मांग कि है अगर सोमवार तक इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो जिला कलेक्टर सागर के खिलाफ न्यायालय की शरण ली जाएगी।

प्रत्याशियों के खर्चे के लिए 40 लाख की लिमिट तय

दसरअसल, सागर जिले की सुर्खी विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार गोविन्द सिंह राजपूत का चुनावी खर्च कम रेट पर करने के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। जिसे लेकर पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि प्रत्याशियों के लिए जो निर्धारित रेट होते हैं वह यह देखकर लिए जाते हैं कि किसी भी प्रत्याशी का खर्चा कैसे जोड़ा जाए। जिसकी लिमिट 40 लाख की है। जिसे कोई जिला रिटर्निंग ऑफिसर अपने मन से बदल दे तो यह पूरे राज्य में सभी अभ्यर्थियों के साथ गलत होगा। आगे उन्होंने कहा कि पुराने रेट से गणना ना करते हुए यदि अपने रेट से करेंगे तो वह भी गलत बात है। जब रेट तय किए जाते हैं तो सभी पार्टियों को सम्मिलित करके रेट डिसाइड होते हैं लेकिन आपने बिना किसी को कॉन्फिडेंस में लिए अगर आप रेट कम कर रहे तो बहुत गलत है।

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी

निर्वाचन आयोग ने बकायदा इसके लिए खाने से लेकर चुनाव प्रचार के लिए लगे वाहनों के रेट भी निर्धारित किये है। शशांक शेखर का कहना है कि सागर जिले के कलेक्टर ने सुर्खी विधानसभा के भाजपा उम्मीदवार गोविन्द सिंह राजपूत के लिए रेट कम कर गए दिए है। सिर्फ एक उम्मीदवार के लिए नियमों को बदला गया जो की न्याय संगत नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि हम लोगों ने तीन रिप्रेजेंटेशन दिए हैं। जिसमें पहले लोकल एडमिनिस्ट्रेशन, दूसरा मध्य प्रदेश सरकार और तीसरा इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया को दिया है। यदि आज कार्रवाई नहीं होती है तो हम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

ये है 3 मांगें

  1. त्वरित रुप से सागर कलेक्टर को अगल किया जाए।
  2. पुराने रेट के अनुसार, सारे खर्चों की पुन: गणना की जाए।
  3. एक ऑब्जर्वर लगाया जाए कि ऐसी चीजें ना दोहराई जाए।

संदीप कुमार, जबलपुर