पहली बारिश अक्सर विकास के दावों की पोल खोल देती है। मामला सागर जिले से है जहां बीना के ग्राम मूढरी गाँव के एक प्राथमिक स्कूल का भवन इतना जर्जर हो गया है कि शुरूआती बारिश में ही उसमे बच्चे नहीं बैठ पा रहें हैं और बच्चों की छुट्टियां करनी पड़ रही है। इसी बीच जनपद शिक्षा केंद्र के सब इंजीनियर ने उस स्कूल के हैडमास्टर को समस्या से निजाद दिलाने के लिए ऐसी सलाह दे दी जिससे अब ग्रामीण उनका मजाक उड़ा रहें हैं।
दरअसल, यहां शासकीय प्राथमिक शाला का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि बच्चे बैठ कर पढ़ाई तक नहीं कर पा रहे हैं।बारिश होने पर भवन की छत से जगह-जगह से पानी टपक रहा है। यही नहीं जब बारिश ज्यादा होने लगती है तो काक्षांओं में पानी भर जाता है। बच्चों को बैठा कर पढ़ाने की जगह तक नहीं रहती और आखिर में बच्चों की मजबूरन छुट्टी कर दी जाती है।
हेड मास्टर को सब इंजीनियर ने दी सलाह
जब छत से ज्यादा पानी टपकने लगा तो उसे रोकने के लिए जनपद शिक्षा केंद्र के सब इंजीनियर बृजेंद्र शर्मा ने हेडमास्टर अरविंद खत्री को सलाह दी कि तीनों कमरों की छत और दीवार में छेद कराकर पाइप लगवा दो, जिससे पानी बाहर निकल जाएगा। अब चूँकि यह बात सब इंजीनियर ने कही थी तो तो हेडमास्टर ने पुरे विश्वास के साथ वैसा ही किया। जैसे ही सब इंजीनियर ने हेडमास्टर को अनोखा तरीका बताया, हेडमास्टर पुरे विश्वास के साथ रविवार को ठीक वैसा ही करवाने लगे। इस अजीबोगरीब इंजीनियरिंग को देखने गाँव के लोग भी इक्कट्ठे हो गए। इनमें से कुछ लोगों ने हेडमास्टर को सलाह दी छत पर पन्नाी बिछवा दो, समस्या का समाधान हो जाएगा। लेकिन हेडमास्टर ठीक वैसा ही करते रहे जैसा करने को उनसे कहा गया था। इस नए प्रयोग को देखकर और फिर इसके फेल होने के बाद लोग हंसते नजर आए।
बेअसर रही सलाह
सोमवार सुबह हेडमास्टर ख़ुशी-खुशी स्कूल पहुंचे और पानी नहीं टपकता देख खुश हो गए लेकिन जैसे ही 11 बजे तेज बारिश हुई, सब इंजीनियर के सुझाव बेअसर दिखने लगा। पानी फिर से टपकने लगा, यह देख हेड मास्टर के होश उड़ गए और एक बार फिर से स्कूली बच्चों के भविष्य को दरकिनार कर स्कूल की छुट्टी कर दी गई।