भोपाल/सागर। मध्य प्रदेश की सागर लोकसभा सीट पर इस बार बड़ा ही रोचक मुकाबला होने वाला है। इस सीट पर देश की पहली ट्रांसजेंडर महापौर लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने जा रही हैं। कमला बुआ 2009 में सागर की महापौर चुनी गईं थी। अब वह लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपनी किस्मत आजमाएंगी। उन्होंने कहा कि सागर की जनता को मेरी तरह इमानदार और विकासकार्य के प्रति समर्पित जनप्रतिनिधि नहीं मिलेगा।
दरअसल, कमला बुआ 2009 में मीडिया की सुर्खियोंं में आईं थी। वह सागर से बड़े अंतर से महापौर चुनी गई थीं। उनकी लोकप्रियता के आगे बीजेपी समेत कांग्रेस के उम्मीदवार भी पीछे रह गए थे। यही नहीं इन दलों के प्रत्याशियोंं की जमानत तक जब्त हो गई थी। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या किसी राजीतिक दल ने उनसे टिकट को लेकर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) और समन्या पिछड़ा एवं अल्पसंनायक वर्ग अघिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) बुआ को अपना उम्मीदवार बनाना चाहते थे। “हीरालाल त्रिवेदी बहुत उत्सुक थे कि मुझे उनकी पार्टी का उम्मीदवार होना चाहिए,”

हालांकि, कमला बुआ ने दोनों ही पार्टियों के आफर को नकार दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यही नहीं उन्होंने राजनीतिक दलों का बहिष्कार करते हुए कहा कि “पार्टियां फंड्स पर चलती हैं। और मेरे पास पैसे की कमी है। अगर मेरे पास पैसा होता तो भी मैं इसे किसी राजनीतिक दल को देने के बजाय गरीबों पर खर्च करना पसंद करता। ‘ कमला बुआ ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के सभी लोग लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उनसे अनुरोध कर रहे थे। “लोग बीना, नरयावली और अन्य सभी क्षेत्रों से आ रहे हैं। अब भी, मेरे घर में लगभग 150 व्यक्ति बैठे हैं,। कमला बुआ ने कहा कि एक बार दोनों प्रमुख दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा करदें, उसके बाद वह भी औपचारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करेंगे।