ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान फटी मोबाइल की बैटरी, गंभीर रुप से घायल हुआ छात्र

सागर, मनीष तिवारी । कोरोना काल के दौरान ठप पड़ी पढ़ाई को दोबारा चालू करने के लिए सरकार और प्रशासन डिजीटल तकनीक का सहारा ले रही है, जिसका मकसद छात्रों का साल बरबाद होने से बचाने का हैं। वहीं यह तकनीक कब घातक हो जाए ये कहां नहीं जा सकता। ऐसा ही एक मामला सागर जिले के केसली के घाना गांव से सामने आया है। जहां ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान मोबाइल की बैटरी फटने से 12 कक्षा में पढ़ने वाला छात्र पुष्पेंद्र प्रजापति गंभीर रुप से घायल हो गया। छात्र पुष्पेंद्र प्रजापति 18 साल का है, जो कि आर्ट संकाय का छात्र है।

दरअसल, मंगलवार की दोपहर खाने के बाद आनलाईन घायल छात्र पढ़ाई करने के चलते अपना जियो का की पेड फोन उठाता है, तभी अचानक मोबाइल से जोरदार ब्लास्ट होता है और छात्र के चेहरे और आंखो पर गंभीर रुप से घायल हो जाता है। छात्र के परिजन उसे 108 की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उसका इलाज जारी है। छात्र हादसे के चलते आंखे नही खोल पा रहा है हालाकि चिकित्सको ने 3 दिन में स्वस्थ्य होने की बात कही है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।